निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न

शेयरों में निवेश करना चाहते हैं? जानिए लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप में से किसमें मिलेगा ज्यादा रिटर्न
पिछले एक महीने में सेंसेक्स और निफ्टी में 1 फीसदी गिरावट आई है। इस दौरान निफ्टी मिडकैप 150 सूचकांक 3 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप 250 सूचकांक 6 फीसदी चढ़ा है
अमेरिका में फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) के आक्रामक रुख को देखकर लगता है कि मार्केट में गिरावट आएगी।
कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयरों की कीमतें सस्ती नहीं रह गई हैं। यही वजह है कि कई इनवेस्टर्स (Investors) अभी इनवेस्ट नहीं कर रहे हैं। वे मार्केट (Share Market) में गिरावट का इंतजार कर रहे हैं। कुछ का मानना है कि यह प्रॉफिट बुक (Profit Booking) करने का मौका है। इससे बाजार में गिरावट आने पर वे प्रॉफिट का पैसा फिर से इनवेस्ट करेंगे।
अमेरिका में फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) के आक्रामक रुख को देखकर लगता है कि मार्केट में गिरावट आएगी। अमेरिका में हाई इनफ्लेशन (Inflation) को देखते हुए अमेरिकी केंद्रीय बैंक इंटरेस्ट रेट में उम्मीद से ज्यादा वृद्धि कर सकता है। वह इसका संकेत दे चुका है।
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इधर, इंडियन मार्केट में निफ्टी 50 (NIFTY50) और सेंसेक्स (Sensex) के मुकाबले स्मॉलकैप (Smallcap) और मिडकैप (Midcap) सूचकांकों का प्रदर्शन अच्छा रहा है। पिछले एक महीने में सेंसेक्स और निफ्टी में 1 फीसदी गिरावट आई है। इस दौरान निफ्टी मिडकैप 150 सूचकांक 3 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप 250 सूचकांक 6 फीसदी चढ़ा है।
6 जुलाई से 13 सितंबर के दौरान बाजार की तेजी के पहले चरण में निफ्टी 50 16,000 से 18,000 रुपये पर पहुंच गया। इसमें लार्जकैप शेयरों का योगदान ज्यादा रहा।
एक वेल्थ मैनेजर ने बताया कि एक महीने पहले जब निफ्टी करीब 17,800 अंक पर था तब इस सूचकांक के सिर्फ 4 फीसदी शेयर अपने 200 दिन के मूविंग एवरेज (DMA) से नीचे चल रहे थे। निफ्टी मिडकैप 150 के 50 फीसदी सेयर 200 डीएमए से नीचे चल रहे थे। निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स के 82 फीसदी स्टॉक्स अपने 200 डीएमए से नीचे चल रहे थे।
उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि तब मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स निफ्टी 50 में तेजी के बावजूद संघर्ष कर रहे थे। इसका मतलब है कि मार्केट की यह तेजी व्यापक (Broad-based) नहीं थी। अब लार्जकैप शेयर महंगे दिख रहे हैं। इसलिए इनवेस्टर्स मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में पैसे लगा रहे है। इनमें उन्हें तेजी की अच्छी संभावना दिख रही है।
छोटी से मध्यम अवधि में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों का प्रदर्शन बेहतर बने रहने की उम्मीद है। अभी निफ्टी स्मॉलकैप में 17 गुना पीई पर कारोबार हो रहा है। निफ्टी मिडकैप का पीई 23 गुना है। उधर, लार्जकैप का पीई 19.6 गुना है।
मिडकैप शेयरों की वैल्यूएशन थोड़ी ज्यादा दिख रही है, क्योंकि आम तौर पर मिडकैप और स्मॉलकैप की वैल्यूएशन लार्जकैप के मुकाबले काफी कम रहती है।
कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडिया में कैपिटल एक्सपेंडिचर साइकिल फिर से शुरू हो रही है। इससे इंडियन मार्केट का अट्रैक्शन बढ़ेगा। इससे मार्केट में फॉरेन और डोमेस्टिक इनवेस्टमेंट आएगा। कैपिटल एक्सपेंडिचर साइकल शुरू होने से इंडियन कंपनियों की कमाई भी बढ़ेगी। मोतीलाल ओसवाल ने अनुमान लगाया है कि फाइनेंशियल ईयर 2022-2024 के दौरान कपनियों की नेट प्रॉफिट ग्रोथ 17 फीसदी रहेगी।
MoneyControl News
Tags: # share markets
First Published: Sep 17, 2022 12:08 PM
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SBI FD vs Post Office FD: फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम में निवेश करने की कर रहे हैं प्लानिंग? जानें कहां मिलेगा ज्यादा रिटर्न
Investment Tips on FD: आपको बता दें कि 14 जून 2022 को देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) ने अपनी 2 करोड़ रुपये से कम की एफडी पर ब्याज दरों को बढ़ाने का फैसला किया था.
By: ABP Live | Updated at : 22 Jun 2022 08:38 AM (IST)
इन्वेस्टमेंट टिप्स (PC: Freepik)
SBI FD vs Post Office FD Investment: रूस यूक्रेन-युद्ध शुरू होने के बाद से दुनिया भर के शेयर मार्केट में जबरदस्त गिरावट दर्ज की जा रही है. इसका असर भारत के शेयर मार्केट (Share Market) पर भी देखने को मिला है. हाल ही में निवेशकों के करोड़ों रुपये मार्केट में डूब गए हैं. ऐसे में आजकल लोग मार्केट जोखिम (Market Risk) से जुड़े इन्वेस्टमेंट ऑप्शन में निवेश करने से बच रहे हैं. पिछले कुछ समय में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में 0.90 प्रतिशत की बढ़ोतरी रेपो रेट में की है. इससे बैंक ने भी ग्राहकों को सेविंग खाते (Saving Account) और फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम (Fixed Deposit Scheme) पर ज्यादा रिटर्न देना शुरू कर दिया है.
देश के बड़े सरकारी और प्राइवेट बैंकों ने ग्राहकों को बड़ा फायदा देते हुए एफडी की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. इसमें बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक यानी पंजाब नैशनल बैंक या निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न स्टेट बैंक ऑफ इंडिया आदि जैसे की बड़े बैंक शामिल है. अगर आप स्टेट बैंक (State Bank of India) और पोस्ट ऑफिस की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम (Post Office Fixed Deposit Scheme) में निवेश करने की प्लानिंग बना रहे हैं तो हम आपको दोनों स्कीम पर मिलने वाले ब्याज दर के बारे में बताते हैं. यह भी बताते हैं कि किस स्कीम में निवेश करने पर आपको ज्यादा रिटर्न मिलेगा-
एसबीआई एफडी स्कीम (SBI FD Scheme)-
आपको बता दें कि 14 जून 2022 को देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) ने अपनी 2 करोड़ रुपये से कम की एफडी पर ब्याज दरों को बढ़ाने का फैसला किया था. इसके बाद से ग्राहकों को अलग-अलग अवधि की एफडी पर ज्यादा रिटर्न मिलेगा. बता दें कि सीनियर सिटीजन को एफडी (FD Rates for Senior Citizen) पर 0.50% ज्यादा ब्याज दर आम लोगों से मिलता है. एसबीआई की अलग-अलग अवधि की एफडी पर मिलता है यह ब्याज दर-
2 करोड़ रुपये से कम की एफडी पर मिलता है यह ब्याज-
7 से 45 दिन की एफडी-2.90%
46 दिन से लेकर 179 दिन की एफडी-3.90%
180 दिन से 210 दिन की एफडी-4.40%
211 दिन से लेकर 1 साल तक-4.40%
1 से 2 साल तक-5.20%
2 से 3 साल तक-5.20%
3 से 5 साल तक-5.45%
5 से 10 साल तक-5.50
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पोस्ट ऑफिस एफडी पर मिलता है यह ब्याज दर-
पोस्ट ऑफिस की एफडी स्कीम को टाइम डिपॉजिट स्कीम (Post Office Time Deposit Scheme) में आप 1,000 रुपये के निवेश से शुरुआत कर सकते हैं. इसमें आप 100 रुपये के मल्टीपल में निवेश कर सकते हैं. पोस्ट ऑफिस में आप 1 से 3 साल की एफडी पर 5.50% का रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. वहीं 5 से अधिक साल की एफडी पर आपको 6.7% का ब्याज दर मिलता है. इसके साथ ही सीनियर सिटीजन को पोस्ट ऑफिस की एफडी पर किसी तरह का एक्स्ट्रा लाभ नहीं मिलता है. ऐसे में आप पोस्ट ऑफिस की एफडी स्कीम पर निवेश करके ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.
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Published at : 22 Jun 2022 09:48 AM (IST) Tags: sbi fixed deposit state bank of india investment tips investment options SBI FD Post Office FD हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
Dhanteras-Diwali पर कहां करें निवेश, जिससे मिलेगा ज्यादा रिटर्न? 5 टिप्स
Glod Investment: सोना खरीदने की योजना बना रहे निवेशकों के पास क्या विकल्प है?
धनतेरस (Dhanteras) से शुरू हो रहा दिवाली (Diwali) का पर्व लोगों को निवेश का मौका भी देता है, निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न सोने-चांदी (Gold Investment) में निवेश, प्रॉपर्टी (Property) में या कहीं और. इस दिन को शुभ मानते हुए निवेश की योजना कई लोग मना रहे होंगे. साथ ही पहली बार निवेश करने वाले भी इस त्योहार का इंतजार कर रहे होंगे.
तो धनतेरस और दिवाली के अवसर पर कहां कर सकते हैं निवेश, कैसी हो सकती है निवेश की रणनीति? पहली बार निवेश कर रहे हैं तो कैसे और कहां से करें शुरुआत?
Dhanteras-Diwali पर कहां करें निवेश, जिससे मिलेगा ज्यादा रिटर्न? 5 टिप्स
1. सोना खरीदने की योजना बना रहे निवेशकों के पास क्या विकल्प है?
धनतेरस पर सोने में निवेश करने का विकल्प अच्छा है. जब शेयर मार्केट में बहुत उतार चढ़ाव हो और गिरावट बनी हुई हो तो ऐसे में सोना कभी निराश नहीं करता है, लॉन्ग टर्म में ही सही लेकिन सोना अच्छा रिटर्न देता है. इस समय सोना खरीदने का मौका अच्छा है, क्योंकि दाम पिछले साल के मुकाबले कम है. इस समय एमसीएक्स पर सोने की कीमत 50 हजार रुपये के आसपास चल रही है. ऐसे में तीन तरीकों से सोने में निवेश किया जा सकता है.
गोल्ड ईटीएफ (ETF): निवेशकों के पास स्टॉक एक्सचेंज पर गोल्ड ईटीएफ की यूनिट खरीदने और बेचने का विकल्प होता है. गोल्ड ईटीएफ सालभर में ही अच्छा रिटर्न देते हैं. इसके लिए आपको डीमैट अकाउंट चाहिए होगा.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड: सोने में सुरक्षित निवेश सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को माना जाता है क्योंकि यह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं, इसमें सोने की गुणवत्ता की चिंता भी नहीं होती है. SGB पर सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज भी मिलता है. बॉन्ड की मैच्योरिटी पूरी होने पर निवेशकों को 1 ग्राम सोना की मौजूदा कीमत के हिसाब से भुगतान किया जाता है.
डिजिटल गोल्ड:डिजिटल गोल्ड ऑनलाइन सोना खरीदने का तरीका है. इसके जरिए गोल्ड आपके पास फिजिकल ना होकर डिजिटल वॉलेट में स्टोर हो जाएगा. इसकी भी आप खरीदी बिक्री कर सकते हैं. वहीं आप डिजिटल गोल्ड को फिजिकल गोल्ड में भी कुछ अतिरिक्त चार्जेज देकर बदल सकते हैं.
2. किन सेक्टर्स में कर सकते हैं निवेश?
मिंट से बातचीत में अपसाइड एआई के को-फाउंडर धनतेरस, दिवाली के त्योहार के साथ अतनु अग्रवाल ने कहा कि हम मशीन के जरिए इंवेस्ट करते हैं जो कि निवेश करने से पहले मार्केट को समझता है, इसका फायदा है कि ये लोगों की तरह किसी भावना में निवेश नहीं करता. अतनु अग्रवाल ने बताया कि निवेशक फार्मा सेक्टर्स, बैंकिग, फाइनेंशियल और इंश्यॉरेंस सेक्टर्स, सीमेंट, इंडस्ट्रीयल सेक्टर्स या केमिक्ल में निवेश कर सकते हैं.
इसके अलावा यह भी ध्यान रखना चाहिए कि धनतेरस, दिवाली के त्योहार के अलावा मार महंगाई की भी है और खतरा मंदी का है. इसलिए कुछ ऐसे सेक्टर्स में भी निवेश करना चाहिए जो महंगाई/मंदी से दूर हो या उनपर इसका असर नहीं पड़ता हो. एक्सपर्ट इसके लिए खासकर दो सेक्टर्स का सुझाव देते हैं. एक है, एफएमसीजी- फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड यानी की खाने पीने का आइटम, जैसे दूध, मैगी या फ्रिज, टीवी, आदी और दूसरा है पावर एनर्जी के सेक्टर्स.
3. कैसा हो पोर्टफोलियो?
इस दिवाली आप अपने पोर्टफोलियो को भी ठीक कर ले. सबसे जरूरी बात जब शेयर बाजार में बड़ा उतार चढ़ाव हो, महंगाई और मंदी का खतरा हो तो ऐसे में अर्थशास्त्री शरद कोहली कहते हैं आपको अपने पोर्टफोलियो का 10 से 15 फीसदी निवेश गोल्ड में रखना चाहिए. इसके अलावा- एक ही फंड हाउस के सभी फंड न लें, फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह से और खराब फंड की पहचान कर उससे बाहर निकले. पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाय करना तो जरूरी है लेकिन कई बार बहुत ज्यादा डाइवर्सिफिकेशन भी नुकसानदायक होता है.
इसके अलावा एक्सपर्ट सुझाते हैं जो बिल्कुल रिस्क नहीं लेना चाहते हैं वे एफडी में निवेश करें जिसपर आजकल ठीक-ठीक रिटर्न मिल रहा है, इसके अलावा प्रोविडेंट फंड, सरकारी बॉन्ड में निवेश की सलाह भी जाती है. गोल्ड में निवेश करना है तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में ही निवेश करें और अपने पोर्टफोलियो को बेहतर बनाएं.
4. निवेश की रणनीति कैसी हो?
मिंट से बातचीत में अतनु अग्रवाल ने बताया कि, पैसा बनाने के लिए मजबूत निवेश चाहिए. मजबूत निवेश का एक मतलब होता है आप ऐसी जगहों पर निवेश करें जिनका आपस में कोई लेना देना नहीं है. जैसे इक्विटी (शेयर मार्केट) और फिक्सड डिपॉजिट इन दोनों में कोई संबंध नहीं है. एक तरफ जहां शेयर बाजार में उतार चढ़ाव होता है वहां फिक्सड डिपॉजिट में ब्याज दर निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न एक ही होती है. इसलिए आप स्टॉक्स, डेट (Debt) और एफडी तीनों में निवेस करें. इसी तरह गोल्ड, रियल एस्टेट और क्रिप्टो में भी आपस में कोई संबंध नहीं है.
NCD : 10 साल के निवेश पर मिलेगा 10.10% तक सालाना रिटर्न, आज से खुला इनवेस्टमेंट का नया ऑप्शन
Edelweiss Financial Services की एनसीडी में अलग अलग 10 विकल्पों में अधिकतम 10.10 फीसदी सालाना रिटर्न ऑफर किया गया है.
Edelweiss Financial Services का NCD निवेश के लिए खुल गया है.
Edelweiss Financial Services NCD: बाजार में उतार चढ़ाव है, जिससे इक्विटी में नुकसान हो रहा है. स्माल सेविंग्स स्कीम में रिटर्न बहुत कम रह गया है. ऐसे में अगर आप निवेश के लिए कोई बेहतर विकल्प की तलाश में हैं तो आज से अच्छा मौका है. Edelweiss Financial Services का नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) निवेश के लिए आज यानी 3 अक्टूबर से खुल गया है. यह निवेश के लिए 17 अक्टूबर तक खुला रहेगा. इस नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर का साइज 400 करोड़ रुपये का होगा. इसका बेस साइज 200 करोड़ रुपये है और इसमें ओवरसब्सक्रिप्शन के जरिए 200 करोड़ जुटाने का विकल्प है. इसमें अलग अलग 10 विकल्पों में अधिकतम 10.10 फीसदी सालाना रिटर्न मिलेगा.
NCD रेटिंग
Edelweiss Financial Services की NCD को CRISIL से AA-/Negative रेटिंग मिली है. वहीं ACUITE से AA-/Negative रेटिंग है. यानी यह पूरी तरह से सेफ भी नहीं है. वैसे बेहतर रेटिंग का भी यह मतलब नहीं होता है कि कोई एनसीडी पूरी तरह से निवेश का सुरक्षित विकल्प है.
कितना मिल रहा है ब्याज
Edelweiss Financial Services की NCD में निवेश के 10 अलग अलग विकल्प हैं. मैच्योरिटी 24 महीने से 120 महीने की है. जिनमें मंथली, एनुअल या मेच्योरिटी पूरी होने पर इंटरेस्ट पेमेंट की सुविधा है. यानी इसमें आप सालाना, मासिक या फिर एक साथ ब्याज पाने का ऑप्शन चुन सकते हैं. अलग अलग विकल्पों में 8.84 फीसदी से 10.09 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. यानी बैंकों की एफडी से 3 फीसदी ज्यादा ब्याज.
कितना करना होगा निवेश
एक NCD का इश्यू प्राइस 1000 रुपये है. निवेशकों को कम से कम 10 NCD के लिए पैसे लगाने होंगे. यानी कम से कम 10,000 रुपये. इसके बाद 1 के मल्टीपल में पैसे लगा सकते हैं. अलॉटमेंट फर्स्ट कम फर्स्ट सर्विस बेसिस पर है.
क्या होता है NCD
नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर यानी एनसीडी फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट होते हैं. इन्हें कंपनी जारी करती है. इनके जरिये वह निवेशकों से पैसा जुटाती है. इसके लिए पब्लिक इश्यू लाया जाता है. इनमें निवेश करने वालों को एक तय दर से ब्याज मिलता है. एनसीडी की अवधि फिक्स होती है. इनकी मैच्योरिटी पर निवेशकों को ब्याज के साथ अपनी मूल रकम मिलती है. ये बैंक एफडी की तरह डेट इंस्ट्रूमेंट होते हैं.
सिक्योर्ड एनसीडी का मतलब इसमें कंपनी की सिक्योरिटी होती है. कंपनी अगर किसी वजह से निवेशकों को पैसे पेमेंट नहीं कर पाती तो निवेशक उसके एसेट को बेचकर अपना पैसा निकाल सकते हैं. अनसिक्योर्ड एनसीडी में कंपनी की सिक्योरिटी नहीं होती हैं. इसमें जोखिम ज्यादा होता है.
(Disclaimer: यहां निवेश की सलाह नहीं दी गई है. यह सिर्फ कंपनी की NCD के बारे में जानकारी है. किसी भी NCD में निवेश के पहले एडवाइजर से सलाह ले सकते हैं.)
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