बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है

RBI Digital Currency: आरबीआई डिजिटल करेंसी क्या है और यह कैसे संचालित होती है?
1.डिजिटल रुपये ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होता है, क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, इथीरियम, कार्डेनो, बिनेनस कॉइन, टीथर आदि इसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं।
2.इस रुपये के जरिए सरकार किसी भी तरह का लेन देन का रिकार्ड अपने पास रख पाएंगी।
3.यह डिजिटल रुपया साल 2023 तक तैयार कर लेने की प्लानिंग है।
RBI Digital Currency: इस साल के बजट में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी (Digital Currency) लॉन्च करने की बात कही है। इससे केंद्रीय बैंक के करेंसी नोट पर ऑपरेशनल कॉस्ट पर बड़ी बचत होगी। आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक को करेंसी नोटों की प्रिंटिंग, डिस्ट्रीब्यूशन और स्टोरज पर बहुत ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है हैं। डिजिटल करेंसी के लॉन्च होने के बाद सरकार को करेंसी निर्माण में होने वाले अतिरिक्त खर्च में काफी बड़ी बचत होगी। वित्त मंत्री ने बताया कि इसके साथ ही सरकार आगे इस डिजिटल करेंसी को लीगल टेंडर में बदलने की कोशिश करेंगी, जिससे देश के अर्थव्यवस्था में काफी मुनाफा होगा।
आपको बता दें कि इस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) में भी रेगुलर करेंसी की तरह एक यूनिक नंबर होगा। जिसके बाद एक करेंसी दूसरी करेंसी से एकदम अलग होगी। यह एक सरकार गारंटी वॉलेट होगा। सरकार जिसे नॉर्मल करेंसी के साथ शामिल करने के बारे में सोच रही है।
General Knowledge Ebook Free PDF: डाउनलोड करें
नोट की छपाई और मेनटेनेंस में सरकार को करने पड़ते हैं इतने खर्च?
इकोनॉमिक एक्सपर्ट्स के अनुसार एक 100 रुपये के नोट को छापने में सरकार को 15 से 17 रुपये का खर्च आता है। इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक बैंक पुराने नोटों को वापस लेकर बाद में नए नोटों की छपाई करते हैं। इसके साथ ही नोटों के मेनटेनेंस पर भी पैसे खर्च होते हैं। आजकल सरकार ज्यादा वैल्यू वाले नोटों की छपाई करने लगी है। ऐसे में छोटे नोट जैसे, 10.20. 50 आदी के छपाई और मेनटेनेंस में सरकार को अब कम खर्च होगें।
डिजिटल रुपये क्या है?
1.डिजिटल रुपये ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होता है, क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, इथीरियम, कार्डेनो, बिनेनस कॉइन, टीथर आदि इसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं।
2.इस रुपये के जरिए सरकार किसी भी तरह का लेन देन का रिकार्ड अपने पास रख पाएंगी।
3.यह डिजिटल रुपया साल 2023 तक तैयार कर लेने की प्लानिंग है।
4.यह पैसे आपके मुद्रा फोन में रहेगी जिसका कंट्रोल आरबीआई के पास होगा।
5. इसे एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट में ट्रांसफर किया जा सकेगा।
6 डिजिटल करेंसी की सबसे खास बात ये है कि इसे जरूरत के अनुसार सॉवरेन करेंसी यानी देश की मुद्रा (रुपये) में बदला जा सकेगा।
Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड करे
बिटकॉइन और कार्बनडाइऑक्साइड का उत्सर्जन
( प्रारंभिक परीक्षा- पर्यावरणीय पारिस्थितिकीऔर जलवायु परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे )
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : सूचना प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन )
संदर्भ
ऐसे समय में जब वैश्विक रूप से बिटकॉइन जैसी नवीनतम वित्तीय प्रवृत्तियाँ तेज़ी से आकार ले रही हैं, बिटकॉइन माइनिंग की वजह से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को लेकर चिंताएँ बढ़ रही हैं।
बिटकॉइन क्या है कैसे काम करता है पूरी जानकारी | What is bitcoin and how does it work ?
bitcoin बिटकॉइन बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है ही क्रिप्टोकरंसी है आपने कागज के फॉर्म में करेंसिया देखी है क्या करेंसी उनसे बहुत अलग होती है जैसे अमेरिका में डॉलर ब्रिटेन में पोंद यूरोप में यूरो आदि कर्मशिया होती है एक रसिया कागज के टुकड़ों के रूप में होती है लेकिन डिजिटल करेंसी वे करेंसी होती है जो हम उन को छू नहीं सकते।
Table of Contents
बिटकॉइन क्या है |
bitcoin क्रिप्टोकरंसी दुनिया की पहली ग्लोबल करेंसी है डिजिटल दुनिया के लिए बनाई गई इस करेंसी को हम किसी दूसरे व्यक्ति के पास भी भेज सकते हैं और किसी से मंगा सकते हैं । यह करेंसी पूरी दुनिया में प्रचलित है हर कोई बिटकॉइन के बारे में जानता है और उसे खरीदना चाहता है लेकिन यह सब की बजट नहीं होती या दुनिया की महंगी करंसी जिसका निर्माण और नियमन इलेक्ट्रॉनिक सहायता से किया जाता यह पैसों की मामले में बहुत फास्ट है ।
क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है |
सबसे पहले दो मैं आपको बता दूंगा कि यह एक तरह का डिजिटल एसेट होता है जिसका उपयोग हम सर्विसेस या समान को खरीदने के लिए किया जाता है और यह पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक के सिस्टम के रूप में काम करता है इसकी सहायता से पैसे को बहुत आसानी से छुपा कर रखा जा सकता है क्योंकि यह एक डिजिटल करंसी है जो क्रिप्टो करेंसी वॉलेट में स्टोर रहती है ।
बिटकॉइन क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत |
आप लोगों ने यह तो जान लिया कि bitcoin क्या है आपको यह जानना भी बहुत जरूरी है की बिटकॉइन क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत कब की गई थी इसे जनवरी वर्ष 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में पहली बार मनाया गया था । सातोसी नामामोतो द्वारा बनाया गया था । उस टाइम इसके बारे में कोई नहीं जानता था लेकिन धीरे-धीरे लोग इसमें इन्वेस्ट करने लगी तो यह इतनी तेजी से बढ़ने लगी कि आज हर कोई बिटकॉइन का फैन है |
बिटकॉइन कैसे काम करता बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है है |
bitcoin कैसे काम करता है यह एक तरह से टेक्नोलॉजी पर आधारित है और पैसों की मामले में तेजी से काम करता है जैसे एक कंप्यूटर से दूसरी कंप्यूटर में पैसों को बहुत जल्दी पहुंचना देता है यह पूरी तरह से ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित है और लेन-देन के मामले मैं तो बहुत सुपर फास्ट रिकॉर्ड रखता है यह एक बहुत बड़ा नेटवर्क है जिसमें धोखाधड़ी नहीं हो सकती बिटकॉइन को हजारों लोग खरीदते हैं और उनका पैसा भी सुरक्षित रहता है इसीलिए इसे बिटकॉइन माइनिंग भी कहा जाता है ।
क्या हमें बिटकॉइन में निवेश करना चाहिए |
क्या हमें bitcoin में निवेश करना चाहिए मैं आपको बता दूंगा की अगर हम बात करें निवेश की तो ग्राफ के हिसाब से तो आपको बिटकॉइन में निवेश करना चाहिए bitcoin से लोगों ने लाखों करोड़ों रुपए कमाई है ऐसे लोग हैं जो रातों-रात करोड़पति बने हैं बिटकॉइन की मदद से 2009 से लेकर अब तक bitcoin ने ताबड़तोड़ मचा रखी है मार्केट में बिटकॉइन का प्राइस ₹5000000 तक भी गया। इसलिए आपको Bitcoin निवेश करना चाहिए।
बिटकॉइन की कीमत |
अगर देखा जाए तो bitcoin की कीमत यह हर किसी के बजट में नहीं होता खरीदना आज इसकी तकरीबन 32 लाख हो गई हैं और यही घटता बढ़ता रहता है । जो लोग इसमें निवेश करते हैं मैं बहुत मोटा पैसा बनाती है क्योंकि रिटर्नी है बहुत अच्छा देता है ।
बिटकॉइन कोन से देश की मुद्रा है |
बिटकॉइन को बनाने वाले जापान देश की नागरिक थे परंतु bitcoin को आमतौर पर किसी एक देश की करेंसी नहीं कहा जा सकता क्योंकि है पूरे वर्ल्ड में ऐसे लोग खरीद रहे हैं और सेल कर रहे हैं । इसीलिए इसको जापान की मुद्रा कहा जाता है इसका रीजन यह है कि जिसने इसको बनाया था जापान देश का नागरिक था काफी लोग जानना चाहते थे बिटकॉइन किस देश की मुद्रा है उनको पता चल गया बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है होगा कि बैठक में किस देश की मुद्रा है और इसका कैसे निर्माण हुआ था और इसे किसने बनाया था।
बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं |
हालांकि भारत में bitcoin जैसे क्रिप्टोकरंसी लीगल नहीं है कई देशों में तो क्रिप्टो करेंसी लेकिन माना गया है लेकिन वहीं भारत में सरकार का कोई पता नहीं है कि कब इसको बंद कर दे एक बार तो सरकार ने क्रिप्टोकरंसी हो रेगुलर करने के लिए विचार भी किए थे लेकिन वह पूरी तरह से सफल नहीं हो पाए कई देशों में यह पूरी तरह से बैन है |
सरकार ने क्रिप्टोकरंसी को लेकर यह बात कही थी कि जो लोग क्रिप्टो करेंसियो में इन्वेस्ट करते हैं वह अपने रिस्क पर करें क्योंकि इसमें रोज भी हो सकता है यह पूरी तरह से इन्वेस्ट्रों पर निर्भर करता है कि हम इसमें इन्वेस्ट करें या ना करें ।
भारत में बिटकॉइन का भविष्य |
भारत में bitcoin का भविष्य अगर हम एक्सपर्ट की मानें तो बिटकॉइन का विषय 2022 में थोड़ा स्थिर हो सकता है इसका रीजन है कि टिप टॉप मार्केट में बहुत गिरावट देखने को मिली है इसीलिए लोग क्रिप्टो को सेल ज्यादा कर रहे हैं भारत सरकार ने इस क्रिप्टो करेंसी हो रेगुलर करने की योजनाओं के बारे में भी विचार कर रही है । शायद आगे वाले दिनों में इसे रेगुलर भी जा सकता है ।
बिटकॉइन क्रिप्टो करेंसी से लाभ |
इसके लाभ निम्नलिखित हैं ।
- एक डिजिटल करेंसी ।
- इसमें धोखाधड़ी के चांस बहुत कम है
- इसे खरीदने के लिए हमें किसी तक पार्टी की जरूरत नहीं है हम इसे सीधा खरीद सकते हैं।
- इसके वॉलेट का इस्तेमाल करना बहुत सरल
- सबसे बड़ा पहली बात तो यह है कि जब हम इसको खरीदते हैं तो हमें कोई फीस नहीं देनी पड़ती ।
बिटकॉइन के नुकसान |
बिटकॉइन के नुकसान इस प्रकार है-
- सबसे बड़ा नुकसान तो इसका यह है कि सरकार कंट्रोल करने की हमें अथॉरिटी नहीं देती ।
- बिट कॉइन की वैल्यू उतार चढ़ाव देसी हमें थोड़ा निवेश करना जोखिम काम हो सकता है ।
- प्राइज वॉल्यूम घटने पर बहुत बड़ा लोग भी हो सकता है इसलिए पोस्ट करने से पहले एक बार सोच कर ही इन्वेस्ट करें ।
- अगर आप के खाते हो कोई हैकर हैक कर लेता है तो आपको खाते में पड़ा बिटकॉइन खो सकती और आपको बहुत बड़ा होने का कारण बन सकता है खोया हुआ बिटकॉइन आपको वापसी नहीं मिल सकते ।
निष्कर्ष
किस आर्टिकल में आपने बहुत कुछ सीखा है जैसे bitcoin क्या है बिटकॉइन कैसे वर्क करता है इसकी शुरुआत कब हुई क्या हम बिटकॉइन में निवेश करें इसकी कीमत यह कौन से देश की मुद्रा है क्या भारत में लीगल है या नहीं भारत में इसका भविष्य क्या है इसके फायदे व नुकसान के बारे में जाना अगर यह आर्टिकल हम आपको अच्छे से समझ आ गए हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें । अगर आपके कोई क्रिप्टोकरंसी से संबंधित सवाल है तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें।
भास्कर एक्सप्लेनर: क्रिप्टोकरेंसी पर नहीं लगेगा पूर्ण प्रतिबंध, नए सिरे से नियम बनाएगी सरकार; जानें इस डिजिटल करेंसी के बारे में सबकुछ
केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी यानी डिजिटल करेंसी पर पूरी तरह से बैन लगाने के मूड में नहीं है। देश में क्रिप्टोकरेंसी के चलन के लिए सरकार नए सिरे से नियम बनाएगी। इसके लिए सरकार एक्सपर्ट के नए पैनल का गठन कर सकती है। इससे पहले भी सरकार ने एक्सपर्ट पैनल का गठन किया था। यह पैनल सरकार को अपनी सिफारिशें दे चुका है। आइए आपको बताते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है और अभी देश में इसको लेकर क्या नियम-कानून हैं.
क्या हैं एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशें?
केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग की अध्यक्षता में एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने 2019 में अपनी सिफारिशों में क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। सरकार का मानना है कि सुभाष गर्ग की अध्यक्षता वाली कमेटी की सिफारिशें पुरानी हो गई हैं। अब क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध के बजाए नए सिरे से नियम बनाने की जरूरत है।
क्या करेगी नई कमेटी?
नई कमेटी क्रिप्टोकरेंसी में इस्तेमाल होने वाले ब्लॉकचेन की तकनीक में बढ़ोतरी की संभावना तलाश करेगी। साथ ही कमेटी क्रिप्टो को करेंसी के बजाए डिजिटल असेट्स के रूप में रेगुलेट करने के लिए सुझाव देगी। इस कमेटी को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रस्तावित डिजिटल रुपए के संचालन के तौर-तरीकों पर स्टडी करने के लिए भी कहा जा सकता है। हालांकि, अभी नए कमेटी के गठन का प्रस्ताव प्रारंभिक चरण में है और इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है।
क्या हैं वित्त मंत्रालय की तैयारियां?
वित्त मंत्रालय देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग की बढ़ती संख्या पर नजर रखे हुए है। क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े संभावित जोखिमों को लेकर मंत्रालय सभी हितधारकों के संपर्क में है। हाल ही में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने क्रिप्टो और बैंकिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के साथ बैठक की थी। अनुराग ठाकुर ने कहा था कि कमेटी में शामिल किए जाने वाले लोगों के नामों पर विचार चल रहा है। कमेटी में विपक्षी दलों के प्रतिनिधि भी शामिल हो सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हुए डेवलपमेंट को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को उनकी टीम इस महीने के अंत तक जानकारी दे सकती है।
डिजिटल करेंसी को लेकर सरकार की तैयारी?
देश में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े नियम बनाने के लिए सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 तैयार किया था। इस बिल को संसद के बजट सत्र में पेश किया जाना था, लेकिन किन्हीं कारणों से अभी तक इसे पेश नहीं किया जा सका है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बिल को संसद के आगामी मानसून सत्र में पेश किया जा सकता है। यह ड्राफ्ट बिल गर्ग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तैयार किया गया है। मौजूदा बिल में देश में क्रिप्टोकरेंसी असेट्स रखना आपराधिक बनाया गया है।
RBI की डिजिटल करेंसी को लेकर तैयारी?
इसी साल 25 जनवरी को RBI ने पेमेंट सिस्टम को लेकर एक बुकलेट जारी की थी। इसमें कहा गया था कि RBI नई डिजिटल करेंसी या रुपए के डिजिटल वर्जन को क्रिप्टोकरेंसी का दर्जा देने की संभावनाएं तलाशेगा। इसी साल लोकसभा बुलेटिन में कहा गया था कि क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 के जरिए भारत की ऑफिशियल डिजिटल करेंसी का रास्ता तैयार किया जाएगा। इसके लिए RBI फ्रेमवर्क तैयार करेगा।
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल करेंसी होती है। इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है। डॉलर या रुपए जैसी करेंसी की तरह क्रिप्टोकरेंसी से भी लेन-देन किया जा सकता है। दुनिया में इस वक्त 4 हजार से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं। बिटकॉइन इनमें सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है। हर बिटकॉइन ट्रांजेक्शन ब्लॉकचेन के जरिए पब्लिक लिस्ट में रिकॉर्ड होता है। जो डिसेंट्रलाइज तरीके से अलग-अलग यूजर्स द्वारा किया जाने वाला रिकॉर्ड मेंटेनेंस सिस्टम है।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े नियम
देश में क्रिप्टोकरेंसी का प्रचलन तेजी से बढ़ा है, लेकिन इसको लेकर देश में कोई कानून या गाइडलाइंस नहीं है। 2018 में RBI ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक सर्कुलर जारी किया था। इसमें RBI ने सभी वित्तीय संस्थानों से क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी सेवा प्रदान करने पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल फरवरी में RBI की ओर से लगाए गए प्रतिबंध को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भारत में क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार हो रहा है। सरकार ने 2019 में भी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने और इसको आपराधिक बनाने के लिए बिल तैयार किया था। हालांकि, यह बिल संसद में पेश नहीं हो पाया था।
क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास
- 1983 में सबसे पहले अमेरिकन क्रिप्टोग्राफर डेविड चाम ने ई-कैश (ecash) नाम से क्रिप्टोग्राफिक इलेक्ट्रॉनिक मनी बनाई थी।
- 1995 में डिजिकैश के जरिए इसे लागू किया गया।
- इस पहली क्रिप्टोग्राफिक इलेक्ट्रॉनिक मनी को किसी बैंक से नोटों के रूप में विड्रॉल करने के लिए एक सॉफ्टवेयर की आवश्यकता थी।
- यह सॉफ्टवेयर पूरी तरह से एनक्रिप्टेड था। सॉफ्टवेयर के जरिए क्रिप्टोग्राफिक इलेक्ट्रॉनिक मनी प्राप्त करने वाले को एनक्रिप्टेड-की यानी खास प्रकार की चाभी दी जाती थी।
- इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से पैसा जारी करने वाला बैंक, बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है सरकार या अन्य थर्ड पार्टी ट्रांजेक्शन को ट्रैक नहीं कर पाते थे।
- 1996 में अमेरिका की नेशनल सिक्युरिटी एजेंसी ने क्रिप्टोकरेंसी सिस्टम के बारे में बताने वाला एक पेपर पब्लिश किया।
- 2009 में सातोशी नाकामोतो नाम के वर्चुअल निर्माता ने बिटकॉइन नाम की क्रिप्टोकरेंसी बनाई। इसके बाद ही क्रिप्टोकरेंसी को दुनियाभर में लोकप्रियता मिली।
क्रिप्टोकरेंसी कैसे खरीद सकते हैं?
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वेबसाइट के जरिए इनकी खरीद की जा सकती है। इसके लिए पहले एक्सचेंज पर रजिस्ट्रेशन करना होता है। फिर बैंक खाते या क्रेडिट कार्ड के जरिए भुगतान कर क्रिप्टोकरेंसी की यूनिट खरीद सकते हैं। ग्राहक को अपने देश के नियम-कानून ध्यान में रखने होते हैं। अलग-अलग एक्सचेंज कमीशन के रूप में कुछ चार्ज लेते हैं। ग्राहक क्रिप्टोकरेंसी को ऑनलाइन वॉलेट में रख सकते हैं।
कैसे तैयार होती है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी को माइनिंग के जरिए तैयार किया जाता है। यह वर्चुअल माइनिंग होती है जिसमें क्रिप्टोकरेंसी पाने के लिए एक बेहद जटिल डिजिटल पहेली को हल करना पड़ता है। इस पहेली को हल करने के लिए अपने खुद के एल्गोरिद्म (प्रोग्रामिंग कोड) और साथ ही बहुत ज्यादा कंप्यूटिंग पावर की जरूरत पड़ती है। इसलिए सैद्धांतिक तौर पर कह सकते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी बना सकता है, लेकिन व्यावहारिक रूप से देखें तो इसे बनाना बहुत ही मुश्किल काम है।
बिटकॉइन क्या है? Bitcoin Kya Hai
बिटकॉइन एक विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है यानी बिटकॉइन को किसी बैंक के द्वारा संचालित नहीं किया जाता है बिटकॉइन कंप्यूटर नेटवर्किंग आधारित मुद्रा है जिसे केवल कंप्यूटर के द्वारा ही संचालित किया जा सकता है बिटकॉइन को आप हाथ से नहीं छू सकते हैं और ना ही आप इसे किसी बैंक में जमा करवा सकते हैं इसे आप नोटों के रूप में भी नहीं देख सकते हैं बिटकॉइन एक डिजिटल रुपया है जो किसी सरकार या फिर किसी बैंक के अधिकारों में नहीं आता है।
Bitcoin Kya Hai
बिटकॉइन क्या होता है? Bitcoin Kya Hota Hai
बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी होता है जिसे नहीं कोई देख सकता है और ना ही किसी बैंक में जमा कराया जा सकता है बिटकॉइन इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होता है जिसे आप खरीद तो सकते हैं लेकिन आप अपने घर में नहीं रख सकते हैं और ना ही आप इसे किसी को आसानी के साथ दे पाएंगे
अब इसे समझने हेतु इसके पहलू को समझना होगा । क्यों कि दुनिया में इसका मांग बहुत बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है तेजी से बढ़ रहा है चुकी बिटकॉइन एक क्रिप्टो करेंसी है तो चलिए जानते हैं कि क्रिप्टो करेंसी क्या होता है
क्रिप्टो करेंसी क्या होता है? Cryptocurrency Kya Hota Hai
क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी होता है इसका मतलब यह है कि इसको किसी अन्य रुपयों की तरह हम देख नहीं सकते हैं इसका कोई फिजिकल अस्तित्व नहीं है यह केवल कंप्यूटर के एल्गोरिथ्म पर काम करता है इसी के एल्गोरिथ्म पर बना हुआ करेंसी है जो केवल और केवल इंटरनेट पर ही मौजूद है जिसे ना कोई संस्था और ना ही कोई सरकार नियंत्रित कर सकता है।
Bitcoin Kya Hai
दुनिया में कितने प्रकार की क्रिप्टो करेंसी है Duniya Me Kitne Prakar Ki Cryptocurrency Hai
अभी पूरी दुनिया में लगभग 4000 के ऊपर क्रिप्टो करेंसी है जिनमें से कुछ जैसे कि बिटकॉइन, रेडकॉइन,एथरियम, रिप्पल आदि प्रमुख है।
बिटकॉइन कैसे बनता है? Bitcoin Kaise Banta Hai
इस प्रक्रिया को माइनिंग प्रक्रिया कहा जाता है आम भाषा में माइनिंग का मतलब होता है खनन यानी किसी वस्तु को जमीन के अंदर से खोदकर निकालना चुकी वस्तु का भौतिक रूप होता है लेकिन बिटकॉइन इसके विपरीत है बिटकॉइन का कोई भी भौतिक रूप नहीं होता है।
इसका निर्माण करना अर्थात खोज करना जो केवल और केवल माइनर कर सकते हैं इसका खोज कंप्यूटर के द्वारा ही किया जा सकता है माइनिंग का कार्य उच्च गुणवत्ता वाले लोग ही करते हैं जिनके पास उच्च कोटि का नेटवर्क और कंप्यूटर हो।
बिटकॉइन माइनर क्या होता है? bitcoin miner kya hota hai
दुनिया के जितने भी देश हैं उन सबको नोट छापने की तय सीमा के अनुसार चलना होता है कोई भी देश तय सीमा तक ही नोट छाप सकता है उसी प्रकार क्रिप्टोकरंसी बनाने का भी सीमा होता है पूरी दुनिया में 2.1 मिलीयन ही क्रिप्टो करेंसी है जिसमें से 1 पॉइंट 9 मिलियन अभी तक खोजे जा चुके हैं और बाकी खोजने का काम चल रहा है।
माइनर उन लोगों को कहते हैं जो लोग बिटकॉइन की भेजने की प्रक्रिया को वेरीफाई करते हैं उन लोगों के पास उच्च शक्ति वाला कंप्यूटर होता है जिस कंप्यूटर से बिटकॉइन के ट्रांजैक्शन को वेरीफाई करते हैं।
बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया? bitcoin banane ki prakiriya kya hai
जिस प्रकार सौ पैसे जोड़ने के बाद ही 1 रुपया बनता है उसी प्रकार बिटकॉइन भी होता है एक बिटकॉइन को बनाने में एक करोड़ सतोषी की जरूरत होती है जैसे 1रूपया का सबसे छोटा इकाई एक पैसा होता है उसी प्रकार बिटकॉइन का सबसे छोटा इकाई सतोषी होता है।
बिटकॉइन खोजने का तरीका क्या है? bitcoin khojane ka tarika kya hai
बिटकॉइन खोजने का तरीका यह है कि अगर आपके पास हाई स्पीड वाला कंप्यूटर है तो आप बिटकॉइन के माइनिंग का काम कर सकते हैं क्योंकि बिटकॉइन को वेरीफाई करने का काम माइनर करते हैं और इसके उपहार के रूप में कुछ बिटकॉइन मिलता है इसी प्रकार नए बिटकॉइन जन्म होता है।
Bitcoin Kya Hai
बिटकॉइन का इस्तेमाल कैसे किया जाता है ?bitcoin ka istemal kaise kiya jata hai
इसका उपयोग हम ऑनलाइन ट्रांजैक्शन यानी लेन-देन में कर सकते हैं बिटकॉइन पियर टू पियर नेटवर्क कंप्यूटर पर काम करता है इसका मतलब यह है कि हम बिना किसी बैंक अकाउंट और बिना किसी एटीएम कार्ड के भी ट्रांजैक्शन कर सकते हैं इसका प्रक्रिया बहुत ही जटिल है इसका उदाहरण यह है कि जब हम किसी के साथ पैसे का लेन देन करते है तो उसका विवरण देख सकते हैं लेकिन बिटकॉइन में ऐसा नहीं है इसका मेन कारण यह है कि इसका कोई भी मालिक नहीं है इसलिए लेनदेन की प्रक्रिया एक पब्लिक लेजर के जरिए होता है जिसे ब्लॉकचेन कहा जाता है जिसे कोई नहीं देख सकता है।