ADA क्या है

Hindi 2 Meaning
उर्दू शब्द अदा दो अर्थों में प्रचलित है। जिन्हें अलग-अलग इस प्रकार समझा जा सकता है:
1). अदा (चुकाना): जब किसी प्रकार का कोई ऋण लौटाया जाता है तब अदा शब्द का प्रयोग किया जाता है। हिन्दी में अदा का अर्थ होता है चुकाना। हमारे द्वारा लिया गया ऋण या वह ऋण जो सामने वाले द्वारा हमारे लिए किए गए कार्यों के कारण हम पर पड़ता है उसे हमने अदा कर दिया है का अर्थ होगा कि हमने वह ऋण चुका दिया है।
उदाहरण: हमने अपना सारा बिल अदा कर दिया है।
इस शब्द का प्रयोग भारतीय मुद्रा पर भी देखने को मिलता है जिसमें लिखा होता है:
"मैं धारक को _____ रुपए अदा करने का वचन देता हूँ"
इस वाक्य में धारक अर्थात (नोट को धारण करने वाला; नोट का मालिक) को भारतीय रिज़र्व बैंक नोट पर लिखित राशि अदा करने अर्थात चुकाने के लिए वचनबद्ध है।
2). अदा (अंदाज़): मन को हर लेने वाली क्रियाएँ जो हृदय को सुखद अनुभूति करवाती हैं को अदा कहा जाता है। उर्दू शब्द अदा का हिन्दी में अर्थ होता है अंदाज़। हालांकि अंदाज़ शब्द अदा का पर्याय है परन्तु जहाँ अंदाज़ शब्द अधिकत्तर पुरुषों के लिए प्रयोग किया जाता है वहीं अदा शब्द स्त्री सुंदरता का बखान करने के लिए अधिक प्रयोग किया जाता है। किसी स्त्री के चलने, बोलने, मुस्कुराने के मनमोहक तरीके को उसकी अदा कहा जाता है। इस शब्द का प्रयोग प्रेम प्रसंग वाक्यों में ज्यादा होता है।
उदाहरण: उस सुंदरी की अदाओं ने मेरा मन मोह लिया है।
अयोध्या में नामी होटलों पर ADA की छापेमारी. दो को नोटिस एक होटल को सील करने का निर्देश
अयोध्या. लखनऊ के होटल लेवाना में हुई आगजनी की घटना के बाद अब अयोध्या में यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। आज अयोध्या विकास प्राधिकरण व फॉयर विभाग की संयुक्त टीम ने नामी होटल शानेअवध, तिरुपति, अवंतिका और आकाश ADA क्या है यात्री धर्मशाला पर छापेमारी की गई है। और वहां पर यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा संबंधित उपकरणों का निरीक्षण किया है। इस दौरान कई होटल में कमियां पाई गई है। और इसमे नामी होटल अवंतिका को सील करने ADA क्या है की कार्यवाही हो सकती है। तो वहीं दो अन्य होटल में मिले कमियों पर नोटिस दिए जाने की कार्यवाहीं की जाएगी।
अयोध्या विकास प्राधिकरण संजीव सिंह ने कहा कि सबसे पहले फायर सेफ्टी प्लान को देखा है। उसके बाद होटल के नक्शे के मुताबिक निर्माण किया गया है कि नही व होटल का एजिक्ट प्लान क्या है। कोई घटना से लोगो को सुरक्षित कैसे निकाला जा सके। इसे देखा जा रहा है और हमारे साथ फायर विभाग के dfo साहब भी है। और हम लोग संयुक्त रूप से जांच कर रहे हैं। और जो भी इस प्रकार के होटल, धर्मशाला है। मानक के अनुरूप सही नही पाया जाएगा तो उसे आज शील कर दिया जाएगा। कहा कि कुछ स्थानों पर चेक किया जाए तो कहीं पर फायर अलार्म खराब है कहीं पर पाइप फटा हुआ है तो कहीं पानी का कनेक्शन ही नहीं मिला। और कही पर एक्जिट प्लान ही नहीं तैयार किया गया है। यदि शाम तक अपना प्लान नक्शे के साथ समित नहीं करते हैं तो फिर सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी।
फायर विभाग के सीओ राजकिशोर ने बताया कि आज के निरीक्षण में मुख्य रूप से प्रवेश विकास फायर की व्यवस्था और नक्शे के मुताबिक यदि नहीं बना गया है तो हमारे साथ विकास प्राधिकरण के सचिव है जो कि अगली कार्यवाही सील करने की होगी। अवंतिका में प्रवेश निकासी व्यवस्था सही नहीं है फायर की भी व्यवस्था मानक के अनुरूप जिस तरह से होना चाहिए वह नहीं पाया गया है इसलिए यहां होटल सील किया जाएगा।
Ada shayari: आफ़त तो है वो नाज़ भी अंदाज़ भी लेकिन
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बेहद गंभीर और दुर्लभ बीमारी है 'एडीए-2', बच्चे ही नहीं बड़े भी ग्रस्त, शोध में हुए अहम खुलासे
चंडीगढ़ ADA क्या है पीजीआई के विशेषज्ञों ने एडिनोसिन डेमिन मिनस 2 (एडीए 2) नामक एक बेहद गंभीर और दुर्लभ बीमारी से जुड़ा महत्वपूर्ण शोध किया है, जिसमें कई अहम खुलासे हुए। अब तक दुनियाभर के विशेषज्ञ जिस बीमारी को सिर्फ बच्चों से संबंधित मान रहे थे, उससे 30 से 40 साल के लोग भी प्रभावित हो रहे हैं। शोध में इस बीमारी के इलाज से जुड़े कई अहम खुलासे किए गए हैं। इसके महत्व को समझते हुए अमेरिकन कॉलेज ऑफ रह्युमेटालॉजी के जर्नल अर्थराइटिस एंड रह्युमेटालॉजी में 6 सितंबर को इसका ऑनलाइन प्रकाशन किया जा चुका है।
पीजीआई के इंटरनल मेडिसिन के रह्युमेटालॉजिस्ट प्रो. अमन शर्मा के नेतृत्व में हुए शोध की सफलता पर डायरेक्टर प्रो. जगतराम ने टीम को बधाई दी। प्रो. अमन शर्मा ने बताया कि वैस्कुलाइटिस से जुड़ी इस बीमारी में खून की नली में सूजन आ जाने से खून का प्रवाह बाधित हो जाता है। इससे दिमागी स्ट्रोक आता है। इस बीमारी को लेकर दुनिया भर में अलग-अलग जगहों पर 2014 से शोध किए जा रहे हैं, जिसमें अब तक यह बात सामने आ रही थी कि जन्म से 5 साल तक के बच्चे ही इससे प्रभावित होते हैं।
पीजीआई ADA क्या है की रिसर्च के आधार पर अब बड़े लोगों में भी बीमारी के लक्षण दिखने पर इंजेक्शन देकर स्ट्रोक को समाप्त करने में सफलता मिल सकेगी। प्रो. अमन शर्मा ने बताया कि इस दुर्लभ बीमारी के इलाज के लिए एनटीटीएनएफ इंजेक्शन को बेहद कारगर पाया गया है। ये इंजेक्शन दो प्रकार के हैं। पहला इनोवेटर ड्रग जो काफी महंगा होता है। दूसरा डायो सिमिलर जो असर पहले की ही तरह करता है, लेकिन सस्ता होता है। यह शोध 2017 में शुरू किया गया था। दुनियाभर में इस बीमारी के अब तक 210 मरीज सामने आ चुके है, जबकि अकेले भारत में मरीजों की संख्या 33 है। प्रो. अमन शर्मा ने बताया कि जीन से जुड़ी बीमारी होने के कारण इसका जैन और अग्रवाल समाज के लोगों में होने का खतरा ज्यादा है। क्योंकि वह अपनी कम्युनिटी में ही विवाह करते हैं। उनमें जीन का आदान-प्रदान एक-दूसरे में ही होता रहता है, जिससे किसी एक में भी इससे जुड़ी समस्या होने पर उसका संक्रमण समाज के अन्य लोगों में होता जाता है। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि जैन और अग्रवाल कम्युनिटी से कोई बच्चा स्ट्रोक के साथ इमरजेंसी में आता है तो उसे एनटीटीएनएफ इंजेक्शन देना फायदेमंद साबित हो सकता है। क्योंकि उसके अंदर इस बीमारी के होने का खतरा ज्यादा होता है।
अन्य अंगों पर भी आया सकारात्मक परिणाम
प्रो. अमन शर्मा ने बताया कि स्ट्रोक के मरीज की डाइग्नोसिस कर अगर तय समय में एनटीटीएनएफ इंजेक्शन दे दिया गया तो स्ट्रोक का खतरा समाप्त होने के ADA क्या है साथ ही अन्य ऑर्गन पर भी उसका अच्छा परिणाम सामने आता है। इस बीमारी में खून की नलियों में सूजन आने के साथ शरीर के अन्य अंग तेजी से प्रभावित होने लगते हैं। रिसर्च के माध्यम से इस इंजेक्शन का अन्य ऑर्गन पर सकारात्मक परिणाम आना बड़ी उपलब्धि है।
अन्य विशेषज्ञों को भी इसकी जानकारी जरूरी
खून की नसों से जुड़ी इस बीमारी में स्किन के साथ ही शरीर के अन्य अंगों पर भी प्रभाव देखने को मिलता है। प्रो. अमन शर्मा का कहना है कि ऐसी स्थिति में न्यूरोलॉजिस्ट, ऑप्थमोलॉजिस्ट, स्किन स्पेशलिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट और फिजीशियन को भी इस बीमारी से जुड़ी जानकारियां होनी बेहद जरूरी हैं, ताकि मरीज में इससे संबंधित लक्षण दिखने पर उसे तत्काल सही इलाज उपलब्ध कराया जा सके।
क्या है एडीए 2
एडेनोसिन डेमिनमिनस 2 (एडीए 2) एक प्रकार का आनुवांशिक विकार है। जिस मरीज में एडेनोसिन डेमिनमिनस 2 (एडीए 2) नामक एंजाइम या प्रोटीन की कमी होती है, शरीर के ऊतकों, विशेष रूप से रक्त वाहिकाओं को बनाने वाले ऊतकों में सूजन हो जाती है।
विस्तार
चंडीगढ़ पीजीआई ADA क्या है के विशेषज्ञों ने एडिनोसिन डेमिन मिनस 2 (एडीए 2) नामक एक बेहद गंभीर और दुर्लभ बीमारी से जुड़ा महत्वपूर्ण शोध किया है, जिसमें कई अहम खुलासे हुए। अब तक दुनियाभर के विशेषज्ञ जिस बीमारी को सिर्फ बच्चों से संबंधित मान रहे थे, उससे 30 से 40 साल के लोग भी प्रभावित हो रहे हैं। शोध में इस बीमारी के इलाज से जुड़े कई अहम खुलासे किए गए हैं। इसके महत्व को समझते हुए अमेरिकन कॉलेज ऑफ रह्युमेटालॉजी के जर्नल अर्थराइटिस एंड रह्युमेटालॉजी में 6 सितंबर को इसका ऑनलाइन प्रकाशन किया जा चुका है।
पीजीआई के इंटरनल मेडिसिन के रह्युमेटालॉजिस्ट प्रो. अमन शर्मा के नेतृत्व में हुए शोध की सफलता पर डायरेक्टर प्रो. जगतराम ने टीम को बधाई दी। प्रो. अमन शर्मा ने बताया कि वैस्कुलाइटिस से जुड़ी इस बीमारी में खून की नली में सूजन आ जाने से खून का प्रवाह बाधित हो जाता है। इससे दिमागी स्ट्रोक आता है। इस बीमारी को लेकर दुनिया भर में अलग-अलग जगहों पर 2014 से शोध किए जा रहे हैं, जिसमें अब तक यह बात सामने आ रही थी कि जन्म से 5 साल तक के बच्चे ही इससे प्रभावित होते हैं।
पीजीआई की रिसर्च के आधार पर अब बड़े लोगों में भी बीमारी के लक्षण दिखने पर इंजेक्शन देकर स्ट्रोक को समाप्त करने में सफलता मिल सकेगी। प्रो. अमन शर्मा ने बताया कि इस दुर्लभ बीमारी के इलाज के लिए एनटीटीएनएफ इंजेक्शन को बेहद कारगर पाया गया है। ये इंजेक्शन दो प्रकार के हैं। पहला इनोवेटर ड्रग जो काफी महंगा होता है। दूसरा डायो सिमिलर जो असर पहले की ही तरह करता है, लेकिन सस्ता होता है। यह शोध 2017 में शुरू किया गया था। दुनियाभर में इस बीमारी के अब तक 210 मरीज सामने आ चुके है, जबकि अकेले भारत में मरीजों की संख्या 33 है।
जैन और अग्रवाल में खतरा ज्यादा
प्रो. अमन शर्मा ने बताया कि जीन से जुड़ी बीमारी होने के कारण इसका जैन और अग्रवाल समाज के लोगों में होने का खतरा ज्यादा है। क्योंकि वह अपनी कम्युनिटी में ही विवाह करते हैं। उनमें जीन का आदान-प्रदान एक-दूसरे में ही होता रहता है, जिससे किसी एक में भी इससे जुड़ी समस्या होने पर उसका संक्रमण समाज के अन्य लोगों में होता जाता है। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि जैन और अग्रवाल कम्युनिटी से कोई बच्चा स्ट्रोक के साथ इमरजेंसी में आता है तो उसे एनटीटीएनएफ इंजेक्शन देना फायदेमंद साबित हो सकता है। क्योंकि उसके अंदर इस बीमारी के होने का खतरा ज्यादा होता है।
अन्य अंगों पर भी आया सकारात्मक परिणाम
प्रो. अमन शर्मा ने बताया कि स्ट्रोक के मरीज की डाइग्नोसिस कर अगर तय समय में एनटीटीएनएफ इंजेक्शन दे दिया गया तो स्ट्रोक का खतरा समाप्त होने के साथ ही अन्य ऑर्गन पर भी उसका अच्छा परिणाम सामने आता है। इस बीमारी में खून की नलियों में सूजन आने के साथ शरीर के अन्य अंग तेजी से प्रभावित होने लगते हैं। रिसर्च के माध्यम से इस इंजेक्शन का अन्य ऑर्गन पर सकारात्मक परिणाम आना बड़ी उपलब्धि है।
अन्य विशेषज्ञों को भी इसकी जानकारी जरूरी
खून की नसों से जुड़ी इस बीमारी में स्किन के साथ ही शरीर के अन्य अंगों पर भी प्रभाव देखने को मिलता है। प्रो. अमन शर्मा का कहना है कि ऐसी स्थिति में न्यूरोलॉजिस्ट, ऑप्थमोलॉजिस्ट, स्किन स्पेशलिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट और फिजीशियन को भी इस बीमारी से जुड़ी जानकारियां होनी बेहद जरूरी हैं, ताकि मरीज में इससे संबंधित लक्षण दिखने पर उसे तत्काल सही इलाज उपलब्ध कराया जा सके।
क्या है एडीए 2
एडेनोसिन डेमिनमिनस 2 (एडीए 2) एक प्रकार का आनुवांशिक विकार है। जिस मरीज में एडेनोसिन डेमिनमिनस 2 (एडीए 2) नामक एंजाइम या प्रोटीन की कमी होती है, शरीर के ऊतकों, विशेष रूप से रक्त वाहिकाओं को बनाने वाले ऊतकों में सूजन हो जाती है।