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विदेशी निवेश

विदेशी निवेश
उन्हें दुनिया के सबसे सफल निवेशकों में से एक माना जाता है और उनकी कुल सम्पत्ति 3 जून, 2018 तक 84 अरब अमेरिकी डॉलर का शुद्ध मूल्य है, जिससे उन्हें दुनिया का तीसरा सबसे धनी व्यक्ति बना दिया गया है।

FPI

एफपीआई (FPI) क्या है- (Foreign Portfolio Investment), विदेशी पोर्टफोलियो निवेश की जानकारी

आज हम आपको एफपीआई के बारे में जानकारी प्रदान जा रहे हैं जैसे विदेशी निवेश कि आप सभी लोग जानते हैं कि हमारे भारत देश में हुनर की कमी नहीं है इसीलिए भारत में बहुत सारी ऐसी विदेशी कंपनियां हैं जो भारत में उच्च स्तर पर व्यापार करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में विदेशी कंपनियां स्थापित करने के लिए सरकार की कुछ शर्तों एवं नियमों का पालन करना होता है जिसके बाद ही उन्हें अपना व्यापार स्थापित करने की अनुमति दी जाती है। उदाहरण के तौर पर अमेजन, फ्लिप्कार्ट, वालमार्ट आदि यह सभी विदेशी कंपनियां है जो भारत में विदेशी निवेश अपना व्यापार स्थापित करने के लिए निवेश करती हैं। तो चलिए फिर आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से FPI से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां आपको बताएंगे।

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FPI Kya Hai ?विदेशी निवेश

एफपीआई की फुलफॉर्म Foreign Portfolio Investment होती है जिसे हिंदी भाषा में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश कहा जाता है। हाल ही में वर्ष 2021- 22 के केंद्रीय बजट की प्रस्तुति के बाद एसबीआई बढ़ने के कारण लगभग 11. 36% सेंसेक्स में वृद्धि हुई है।जैसे कि हमने आपको अभी बताया कि बाहर से आने वाले लोग जब भारत में अपना व्यापार स्थापित करते हैं या किसी भारतीय कंपनी में अपना पैसा लगाते हैं तो उसे विदेशी निवेश कहा जाता है। और इनके द्वारा निवेश किए गए पैसे को यह विदेशी निवेश कभी भी निकाल कर वापस ले जा सकते हैं क्योंकि यह पूंजी निवेश रिपोर्टेबल बेसिस पर होती है। विदेशी निवेश से भारत में कारोबार काफी बड़ा है और विदेशी निदेशकों की दिलचस्पी भी विदेशी निवेश बड़ी है। विदेशी निवेश आप दो प्रकार से कर सकते हैं जो इस प्रकार हैं प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ), विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआइ)

Type Of Foreign Portfolio Investment

जब कोई विदेशी व्यक्ति या कंपनी FDI का 10% से ज्यादा हिस्सा खरीदता है तो वह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कहलाता है क्योंकि आमतौर पर देखा जाए तो यह बहुत कम समय के लिए होता है। इसे इसे धन सर्जन के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि कोई भी निवेशक अपने नुकसान और लाभ को देखते हुए कभी विदेशी निवेश भी अपनी कंपनी के शेयर या बोंड बेचकर यहां से जा सकता है। एफडीआई अपने व्यवसाय के लिए मशीनरी और पौधों जैसी विदेशी निवेश उत्पादक संपत्तियों में निवेश करते हैं। विदेशी संस्थागत निवेश देश के विदेशी निवेश बांड, म्यूचुअल फंड और स्टॉक जैसी वित्तीय प्रोपर्टी में अपना पैसा लगाते हैं। एफडीआई निवेशक दो तरीकों से नियंत्रित पदों को लेते हैं: या तो संयुक्त उद्यमों के माध्यम से या घरेलू फर्मों में।

उदाहरण: निवेशक कई तरह से FPI कर सकते हैं जैसे- किसी अन्य देश में एक सहायक कंपनी की स्थापना, एक मौजूदा विदेशी कंपनी के साथ अधिग्रहण या विलय, एक विदेशी कंपनी के साथ एक संयुक्त उद्यम साझेदारी शुरू करना आदि।

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विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) और विदेशी संस्थागत विदेशी निवेश निवेशक (एफआईआई) दोनों देश में निवेश से संबंधित हैं। निम्नलिखित में से कौन सा कथन सबसे अच्छा दोनों के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर का प्रतिनिधित्व करता है?

  1. एफआईआई बेहतर प्रबंधन कौशल और प्रौद्योगिकी लाने में मदद करता है, जबकि एफडीआई केवल पूंजी में लाता है।
  2. एफआईआई सामान्य रूप से पूंजीगत उपलब्धता में वृद्धि करने में मदद करता है, जबकि एफडीआई केवल विशिष्ट क्षेत्रों को लक्षित करता है
  3. एफआईआई को एफडीआई की तुलना में अधिक स्थिर माना जाता है
  4. एफडीआई केवल द्वितीयक बाजार में बहती है, जबकि एफआईआई प्राथमिक बाजार को लक्षित करता है

विदेशी निवेश में भारत की स्तिथि

जैसा कि हम जानते हैं कि भारत ने हमेशा से ही अपने विदेशी निवेशकों को अपनी बाजार व्यवस्था से आकर्षित किया है ऐसे में 2020 और 21 की रिपोर्ट ने जो कि संयुक्त राष्ट्र ने जारी की है उसमें भारत को विदेशी निवेश (FDI) मैं विदेशी निवेश पांचवा स्थान प्राप्त हुआ है क्योंकि भारत में 64 अरब डॉलर एसबीआई के माध्यम से निवेश हुए हैं जोकि विदेशी निवेश के हिसाब से या विश्व में पांचवा सबसे ज्यादा निवेश माना जाता है इसके पीछे का कारण यह देखने को मिला है कि भारत में जो व्यापार व्यवस्था है वह काफी ज्यादा से दृढ़ है तथा उसके साथ-साथ विदेशी कंपनियों को भारत की बाजार व्यवस्था से अत्यधिक फायदा पहुंचता है।

(DPIIT)Department for Promotion of Industry and Internal Trade) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में विदेशी निवेश विदेशी निवेशक सबसे ज्यादा आकर्षित कर्नाटक में होते हैं जहां पर उन्हें अपनी कंपनियों को स्थापित करने में काफी ज्यादा छूट प्रदान की जाती है ऐसे में यदि देखा जाए तो कर्नाटक भारत में प्रथम स्थान पर आता है जहां पर विदेशी निवेशक आकर्षित होते हैं साल 2021–22 में कर्नाटक में FDI इक्विटी प्रवाह में 45 प्रतिशत रहा है तो वही दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र 23 फ़ीसदी एफडीआई के साथ स्थापित रहा और तीसरे नंबर पर 12 प्रतिशत एफडीआई के साथ दिल्ली राज्य स्थापित रहा है। यही नहीं हर बार भारत में राज्यों में निवेश को लेकर प्रतिवर्ष 10 फ़ीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिलती है।

यूपी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने के मामले में 11 वें पायदान पर

शेयर बाजार 23 अप्रैल 2022 ,12:15

यूपी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने के मामले में 11 वें पायदान पर

यूपी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने के मामले में 11 वें पायदान पर

में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:

में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:

लखनऊ, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में अब विदेशी निवेशक अपना उद्यम स्थापित करने में रूचि दिखा रहे हैं। कोरोना संकट के दौरान जब देश में आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार सुस्त थी, उस दौरान भी यहां कई निवेशकों ने अपना उद्यम स्थापित करने में सक्रिय थे। जिसके चलते ही यहां विदेशी निवेश 712.35 मिलियन यूएस डॉलर से बढ़कर 785.55 यूएस मिलियन यूएस डॉलर हो गया है। यह बढ़ोतरी बीते साल जून से दिसंबर के बीच की है। अभी यूपी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने के मामले में 11वें पायदान पर है।वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय से मिली जानाकारी के अनुसार, राज्य में विदेशी निवेश पिछले साल की दूसरी छमाही में 5211. 98 करोड़ रुपये (712.35 मिलियन यूएस डालर) से बढ़ कर दिसंबर 21 में 5758.17 (785.55 मिलियन यूएस डॉलर) करोड़ रुपये का हो गया। इसके अलावा राज्य में विदेशी कंपनियों की 40 परियोजनाओं पर वर्तमान में काम चल रहा है। इन विदेशी कंपनियों को उद्यम स्थापित करने के लिए जमीन मिल चुकी है। इसमें 20,559 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश होना है। प्रदेश सरकार द्वारा कराए जाने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के चलते विदेशी निवेश में इजाफा होने की उम्मीद है।

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