स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी

ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी

ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी
POSITION TRADING KYA HAI

Stock Trading Tips: शेयरों की ट्रेडिंग से कमा सकते हैं मुनाफा, जानें एक्‍सपर्ट के टिप्‍स

Stock Trading Tips: Want to earn money from share trading, here are some top tips from expert

एक सफल ट्रेडर के लिए स्टॉक ट्रेडिंग उसका जीवन और जुनून है। यह एक खेल जितना ही व्यवसाय है। आप ट्रेडिंग कैसे करते हैं यह तय करता है कि आप कैसे सफल होंगे। ट्रेडिंग के लिए एक कैजुअल अप्रोच के परिणामस्वरूप औसत दर्जे का परिणाम मिलेगा।

नई दिल्‍ली, विकास सिंघानिया। इस धरती पर हर सफल शेयर बाजार कारोबारी में एक चीज समान है - उसके पास एक बढ़त है। इसका मतलब यह नहीं है कि उसके पास दूसरों के मुकाबले किसी कंपनी के बारे में अधिक जानकारी है और वह जानकारी के आधार पर अपनी पोजिशन लेता है। इसके विपरीत, सफल व्यापारी किसी और के समान ही है। बड़ा अंतर यह है कि वह जानता है कि जब स्क्रीन पर अपना सिग्नल देखेगा तो वह कैसे काम करेगा और इससे उसे हर किसी के मुकाबले बढ़त मिलती है जो अपने बल्ले को अंधाधुंध घुमाते हैं। एक नौसिखिए के विपरीत, वह केवल और केवल तभी व्यापार करेगा जब उसे कोई संकेत दिखता है और तब तक वह धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहा होता है। एक सफल ट्रेडर बनने के लिए यह जानना जरूरी है कि क्या करना है और कब करना है। सफल स्टॉक ट्रेडिंग को पांच तकनीकों में तोड़ा जा सकता है, जिनका पालन पेशेवर ट्रेडर्स द्वारा किया गया है, जिनके लिए यह अब दूसरी प्रकृति है।

नजरिया: एक सफल ट्रेडर के लिए स्टॉक ट्रेडिंग उसका जीवन और जुनून है। यह एक खेल जितना ही व्यवसाय है। आप ट्रेडिंग कैसे करते हैं यह तय करता है कि आप कैसे सफल होंगे। ट्रेडिंग के लिए एक कैजुअल अप्रोच के परिणामस्वरूप औसत दर्जे का परिणाम मिलेगा। लेकिन अगर ट्रेडिंग के सभी पहलुओं के साथ ट्रेड करते हैं तो है तो ट्रेडर के माध्यम से सोचा जा सकता है और सफलता का आश्वासन भी दिया जा सकता है। सफल व्यापारियों के बीच सामान्य विशेषता ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग के लिए व्यवसायिक दृष्टिकोण है, यहां तक ​​कि छोटे-छोटे डिटेल्स पर भी बहुत ध्यान देना, अपने स्वयं के लॉग लिखना, परिणाम के बावजूद अपनी ट्रेडिंग की पूरी जिम्मेदारी लेना।

रिटेल ट्रेडर आमतौर पर किसी व्यक्ति या घटना को अपने नुकसान के लिए दोषी ठहराते हैं, लेकिन एक सफल शेयर बाजार ट्रेडर नुकसान का मालिक होता है और इसे खेल का हिस्सा मानता है। यह जीतने वाला रवैया है जो आपको बाकियों से अलग करता है। जिस प्रकार एक सफल व्यवसायी अपने प्रबंधकों और श्रमिकों की गलती की जिम्मेदारी लेता है और समाधान की तलाश में आगे बढ़ता है, उसी तरह एक अच्छा ट्रेडर भी अगले ट्रेड की ओर बढ़ जाता है। वह जानता है कि यह उन हजारों व्यापारों में से एक है जो वह अपने जीवनकाल में करेगा।

इसे सरल रखना: एक सफल स्टॉक ट्रेडर सरल रणनीतियों का व्यापार करता है। दूसरी ओर, एक रिटेल ट्रेडर मुनाफा न होने पर एक स्ट्रैटेजी से दूसरी स्ट्रैटेजी में कूद जाएगा। वह जटिल एंट्री और एक्जिट संकेत तैयार करता है और ज्यादातर बार अपनी स्ट्रैटजी को मिलाता है। इससे उसकी स्ट्रैटजी में विश्वास की हानि होती है और वह ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी किसी अन्य स्ट्रैटजी का परीक्षण करने कूद पड़ता है। एक पेशेवर स्टॉक ट्रेडर के पास नियमों के बहुत कम और सरल सेट होंगे जिनका वह पालन करता है और ट्रेड करता है। उनके चार्ट पैटर्न सरल हैं, जैसे ब्रेकआउट या रिट्रेसमेंट एंट्री। ऐसे स्टॉक ट्रेडर के पास एंट्री और एक्जिट के लिए बहुत स्पष्ट रूप से परिभाषित नियम हैं। हार भी उसे रोक नहीं पाती है क्योंकि वह जानता है कि उसकी रणनीति लंबे समय में ऐसे दिनों से आगे निकलने के लिए बनाई गई है। उसके पास मजबूत मनी मैनेजमेंट नियम हैं जो लगातार नुकसान की सीरीज के मामले में उसकी पोजिशन को कम कर देंगे। दूसरी ओर, एक रिटेल ट्रेडर अपने ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग दांव को अगले ट्रेड में अपने नुकसान को पुनः प्राप्त करने के लिए बढ़ा देगा, वह उससे पैसे लेने के लिए शेयर ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी बाजार से बदला लेना चाहता है।

गलत होना ठीक है: घाटे पर प्रतिक्रिया नहीं करने से एक ट्रेडर को सही स्ट्रैटजी खोजने की तुलना में अधिक ऊर्जा और समय लगता है। यह वर्षों और सैकड़ों ट्रेड्स के बाद ही होता है कि एक ट्रेडर किसी भी स्थिति में भावनात्मक रूप से तटस्थ रहना सीखता है। कई पेशेवर ट्रेडर निम्नलिखित स्ट्रैटजी फॉलो करते हैं, जिनका सामान्य रूप से 0.4 का नफा-नुकसान अनुपात होता है। दूसरे शब्दों में, एक ट्रेंड फॉलोवर द्वारा किए जाने वाले प्रत्येक दस ट्रेडों में से छह के परिणामस्वरूप नुकसान होगा। एक रिटेल ट्रेड इस तरह के अनुपात के साथ परेशान हो जाएगा और उस समय स्ट्रैटेजी को छोड़ देगा जब अगले ट्रेड में भारी लाभ होगा। पेशेवर इन नुकसानों को अपनी प्रगति में लेता है और जानता है कि वे लंबी अवधि के औसत के अनुरूप हैं। ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग के लिए नुकसान उठाना महत्वपूर्ण है, चाल उन्हें छोटा रखने की है ताकि एक या दो लाभदायक ट्रेड संचित नुकसान का ख्याल रख सकें। चूंकि, स्टॉक ट्रेडिंग अनिश्चितताओं का खेल है, इसलिए यह स्पष्ट है कि ऐसे मौके आएंगे जब कीमत पैटर्न या सिग्नल द्वारा सुझाई गई दिशा से अलग दिशा में चलती है। इन अनिश्चितताओं पर कोई कैसे प्रतिक्रिया करता है, यह लंबे समय में विजेता को निर्धारित करता है। लगातार अनुशासन के साथ स्टॉक ट्रेडिंग और नुकसान से सबक लेकर स्ट्रैटेजी बदलने से लंबे समय में अनिश्चितताओं को दूर करने में मदद मिलेगी।

अपने ट्रेड की योजना बनाएं और अपने प्लान को ट्रेड करें: स्टॉक ट्रेडिंग, किसी भी प्रतिस्पर्धी खेल की तरह, खेल के मैदान से अधिक बाहर मेहनत करने की जरूरत बताती है। एक डे ट्रेडर के लिए, योजना बनाने के लिए बहुत कम समय होता है क्योंकि कीमतें तेजी से बढ़ती हैं। उसे एक योजना बनानी है और योजना के अनुसार ट्रेड करना है। अंतिम समय में सोचने से नुकसान ही होगा और आत्मविश्वास भी कम होगा। अधिकांश ट्रेडर चाहे वे जिस समय-सीमा में व्यापार करते हैं, वे भी अपनी ट्रेडिंग योजना नहीं बदलते हैं और एक्शन का समय आने पर दूसरा अनुमान लगाते हैं।

निरंतर सुधार: सभी सफल ट्रेडर्स के प्रमुख पहलुओं में से एक यह है कि वे लगातार अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहते हैं। वे किसी से नहीं बल्कि खुद से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं और जिस तरह से वे ऐसा करते हैं वह अपने स्वयं के लॉग रखते हैं। इस तरह वे अपनी गलतियों को जानते हैं जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है, उनके पिछले ट्रैक रिकॉर्ड के साथ-साथ स्ट्रैटेजी ने विभिन्न बिंदुओं पर कैसा प्रदर्शन किया है। वे ट्रेड और मनोविज्ञान के पहलुओं को सीख रहे हैं और इन्हें अपने ट्रेड में शामिल करने का प्रयास करते हैं। एक सफल स्टॉक ट्रेडर हमेशा बाजार का एक छात्र होता है जो प्रत्येक अनिश्चितता के साथ सीखता है और एक और आश्चर्य का सामना करने की चेकलिस्ट पर टिक करता है ताकि अगली बार उसे पता चले कि इस पर कैसे प्रतिक्रिया करनी है।

ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग में लगातार पैसा कमाने के लिए ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी चुनने की तुलना में अनुशासन और निरंतरता की आवश्यकता अधिक होती है। सफल ट्रेडर्स द्वारा उपयोग की जाने वाली तकनीकों से पता चलता है कि स्ट्रेटेजी चुनने का प्रारंभिक कार्य पूरा होने के बाद वे ट्रेड के मनोवैज्ञानिक पहलू पर अधिक ध्यान देते हैं। अंतत: यह है कि कोई अप्रिय आश्चर्य पर कैसे प्रतिक्रिया करता है जो हारने वालों में से विजेता का फैसला करता है। यह जीवन के लिए उतना ही सच है जितना कि स्टॉक ट्रेडिंग के लिए।

(लेखक ट्रेडस्‍मार्ट के सीईओ हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)

डिस्‍क्‍लेमर: निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय जरूर लें।

POSITION TRADING KYA HAI ? POSITION TRADING करके लाखो कैसे कमाये?

पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? What is Position trading ?

Positional trading एक ऐसी ट्रेडिंग है जिसमें ट्रेडर अपने ट्रेडिंग पोजिशन को लंबे समय तक अर्थात 2 से 3 महीने तक होल्ड करके रखते है तथा टारगेट हिट हो जाने के बाद अपने पोजीशन को काट लेते है और मुनाफा प्राप्त कर लेते है ।

पोजीशनल ट्रेडिंग (position trading kya hai) ऐसी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी है जिसमें हम किसी कंपनी के शेयर को कम से कम 1 महीने से लेकर 1 साल के बीच होल्ड करके रखते हैं तथा मुनाफा प्राप्त कर वहां से बाहर निकल जाते हैं यही पोजीशन ट्रेडिंग कहलाता है।

उदाहरण के तौर पर मान लीजिए किसी भी कंपनी एक कंपनी का शेयर प्राइस ₹2000 रुपये है कुछ महीनों बाद उस शहर में 15% का उछाल आता है जिससे उस शेयर की कीमत 2000 रुपये से बढ़कर ₹2300 रुपये हो जाता है जिससे ट्रेडर को 300 रुपये का मुनाफा भी प्राप्त हो जाता है।

POSITION TRADING KYA HAI

पोजीसनल ट्रेडिंग कैसे करें

जैसे कि आप सभी को यह पता ही है की पोजीशनल ट्रेडिंग(POSITION TRADING KYA HAI) में किसी भी कंपनी के शेयर को लंबी अवधि के लिए रखा जाता है तो आप यह सबसे पहले तय कर लीजिए कि आप किसी भी कंपनी के शेयर को कितने दिनों या महीनों तक रख सकते हैं।

यह डिसाइड करने के बाद आप किसी कंपनी को अच्छी तरह एनालाइज करने के बाद उसमें अपनी स्ट्रेटजी के हिसाब से एंट्री कीजिए तथा कुछ महीनों बाद प्रॉफिट प्राप्त होने पर वहां से अपना पोजीशन काट लीजिए।

इसे हम उदाहरण के जरिए समझते हैं :-
मान लीजिए किसी कंपनी xyz की कीमत ₹1000 है और हमने अपनी स्ट्रैटेजी के अनुसार उस कंपनी के 100 शेयर खरीद लिए तथा कुछ महीने बाद उस कंपनी का प्राइस ₹1000 से बढ़कर ₹1700 हो जाता है इसी प्रकार हमें कंपनी के 1 शेयर पर ₹700 का प्रॉफिट होता है।

जो कि हमने 100 शेयर खरीदा था तो इस हिसाब से हमारा कुल निवेश 1,00,000 रुपये होगा तथा हमारा कुल प्रॉफिट 70,000 रुपये होगा। क्योंकि एक शेयर का दाम ₹700 बढ़ गया था इसी प्रकार बड़े ट्रेडर अपना प्रॉफिट प्राप्त करते हैं।


पोजीशनल ट्रेडिंग में stoploss कैसे लगाये

इस ट्रेडिंग स्ट्रेटजी (POSITION TRADING KYA HAI) में STOPLOSS लगाने के लिये आपको एक योजना बनानी होगी। जिससे आपको पता हो कि कहा में अपना लॉस बुक कर के स्टॉक से बाहर निकल जाये ।इसे रिस्क मैनजमेंट कहते है।जिससे आप बहुत ज्यादा नुकसान होने से बच सकते है।

स्टॉक मार्केट में हर बार जितने के लिये कभी कभी हारना भी सिखाना पड़ता है।

क्योकि हार के जितने वाले को ही बाजीगर कहते है।😁

इसे उदाहरण के जरिए समझते हैं मान लीजिए किसी शेयर का प्राइस ₹100 है और आपने उसके 10 शेयर खरीद लिए और शेयर खरीदने के बाद आपने उसमें स्टॉप लॉस ₹95 का लगाया हैं और टारगेट 120 रुपये लगाया यदि आपका स्टॉपलॉस हिट होता है तो आपको आपकी कैपिटल के एक शेयर पर ₹5 रुपये का नुकसान अर्थात ₹50 रुपये का नुकसान होगा और आपका टारगेट प्राइस हिट हो जाता है तो ₹200 का प्रॉफिट प्राप्त हो जाता है।

पोजीशनल ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी

ट्रेडिंग या position ट्रेडिंग (POSITION TRADING KYA HAI)के लिए बहुत से ट्रेडिंग स्ट्रेटजी है लेकिन एक ट्रेडर अपनी ट्रेडिंग, अपने अनुभव व अपने skill के अनुसार करता है ।

ट्रेडिंग करने के लिए ज्यादातर ट्रेडर टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करते हैं, और फंडामेंटल एनालिसिस का भी उपयोग करते हैं। इन दोनों को मिलाकर एक और स्ट्रैटेजी होती है जिसे टेक्नो फंडामेंटल एनालिसिस स्ट्रेटेजी कहते हैं। जिसमें ट्रेडर किसी शेयर के टेक्निकल व फंडामेंटल दोनो को देख कर ट्रेडिंग करता है।

टेक्निकल ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी क्या है

Technical trading strategy के लिए एक ट्रेडर शेयर के प्राइस जैसे उप ट्रेंड, डाउन ट्रेंड, साइड वेज ट्रेंड, उसके चार्ट पेटर्न कैंडलस्टिक पैटर्न ,सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस टेक्निकल इंडिकेटर जैसे RSI MOVING AVERAGEआदि को देखकर ट्रेडिंग करता है तथा अपना प्रॉफिट व स्टॉपलॉस भी प्राइस के अनुसार ही तय करता है।

फंडामेंटल ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी क्या है

इस ट्रेडिंग स्ट्रेटजी में हर ट्रेडर अपना ट्रेडिंग कंपनी के परफॉर्मेंस के हिसाब से लेता है अर्थात फंडामेंटल ट्रेडिंग स्ट्रेटजी करने वाला ट्रैडर कंपनी के फास्ट परफॉर्मेंस को देखता है तथा कंपनी के कर्ज उसका पी रेशियो आदि को देखकर अपना ट्रेड एग्जीक्यूट करता है। इसे ही फंडामेंटल ट्रेडिंग स्ट्रेटजी कहते हैं।

टेक्नो फंडामेंटल ट्रेडिंग स्ट्रेटजी क्या है

इस( position trading kya hai )ट्रेडिंग स्ट्रेटजी में ट्रेडर टेक्निकल और फंडामेंटल दोनों को मिलाकर अपना ट्रेड एग्जीक्यूट करता है, अपना ट्रेड लेता है ।अर्थात वह ट्रेडर जो टेक्निकल इंडिकेटर्स प्राइस एक्शन, सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस ,आर एस आई, मूविंग एवरेज व कंपनी के फंडामेंटल एनालिसिस आदि को देखकर अपना ट्रेड लेता है जिससे वह अच्छा खासा मुनाफा प्राप्त करता है।

इन सभी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का उपयोग करके एक ट्रेडर अच्छा खासा मुनाफा भी प्राप्त है और नुकसान न के बराबर होता है।


पोजीशनल ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

पोजीशनल ट्रेडिंग के फायदे

Positioner trading मैं रिस्क बहुत कम होता है क्योंकि यह लंबी अवधि के लिए होता है जिसे छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव में ट्रेडर को कोई नुकसान नहीं होता है।

पोजीशनल ट्रेडिंग तनाव रहित ट्रेडिंग है इसमें स्विंग ट्रेडिंग व इंट्राडे ट्रेडिंग कितना तनाव नहीं रहता है।

पोजीशनल ट्रेडिंग (POSITION TRADING KYA HAI) में हम इसे पार्ट टाइम की तरह कर सकते हैं क्योंकि इसमें हमें डे ट्रेडिंग की तरह हमेशा चार्ट देखना नहीं पड़ता है और इसमें हमें कम ट्रेड लेने होते हैं तथा हम किसी भी कंपनी के शेयर को अच्छे से एनालाइज कर उसमें अपना पोजीशन बनाकर अच्छा खासा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।

पोजीशनल ट्रेडिंग के लिए हम किसी शेयर को खरीदते हैं तो उसमें हमारा स्टॉप लॉस हिट होने की संभावना बहुत कम रहती है क्योंकि इसमें valatility की मात्रा बहुत ही कम होती है जिससे नुकसान ना के बराबर होता है।

पोजीशनल ट्रेडिंग से हमें पहले से ही पता चल जाता है कि हमें शेयर को किस प्राइस में खरीदना है वह किस प्राइस में बेजना है जिससे हमारा प्रॉफिट आने का चांस बहुत बढ़ जाता है।


पोजीशनल ट्रेडिंग के नुकसान

पोजीशनल ट्रेडिंग में हमें एक ही शेयर को बहुत ही लंबे समय तक अपने डिमैट अकाउंट में ट्रेडिंग अकाउंट में होल्ड करके रखना पड़ता है

जिससे हमारा कैपिटल ब्लॉक हो जाता है और हम कोई दूसरा ट्रेड नहीं ले पाते हैं जिससे दूसरे ट्रेन में होने वाला प्रॉफिट हमें नहीं मिल पाता है।

Positioner trading केवल टेक्निकल एनालिसिस के हिसाब से नहीं करना चाहिए इसमें फंडामेंटल का भी उपयोग करना चाहिए ताकि हमारा प्रॉफिट कई गुना बढ़ सके टेक्निकल एनालिसिस करने से बहुत अधिक प्रॉफिट का चांस कम हो सकता है।

आज हमने क्या सीखा ?
आज हमने सीखा कि Position Trading kya hai. और हम इसे कैसे कर सकते हैं पोसिशनल ट्रेडिंग करने के क्या फायदे होते हैं और पोजीशनल ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी क्या है।

मैं आशा करता हूं की आपको यह पोस्ट Position Trading Kya Hai पढ़कर Position Trading से जुड़े सारे सवालों के जवाब मिल गए होंगे और मैंने पूरी कोशिश की है कि आपके मन में Trading से लेकर जो सवाल है वो सब इस पोस्ट के माध्यम से आप तक पहुँचा सकूँ।

यदि आपके मन में position trading kya hai से जुड़ी कुछ सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में अपने सवाल पूछ सकते है मैं आपके सवालों के जवाब देने की पूरी कोशिश करूंगा और इस पोस्ट को जितना हो सके उतना शेयर करें ताकि सभी लोगों को स्टॉक मार्केट और उससे जुड़ी सभी जानकारियां सभी तक पहुंचते रहें और सभी आप अपना प्यार ऐसे ही बनाए रखें

पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है और कैसे काम करती है?

पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है और कैसे काम करती है?

अगर आप शेयर मार्केट में ट्रेड या निवेश करते है तो आपने पोजिशनल ट्रेडिंग के बारे में जरूर सुना होगा। तो आज के इस लेख में हम Positional Trading Meaning in Hindi लेख के जरिए पोसिशनल ट्रेडिंग क्या है, इंट्राडे ट्रेडिंग और पोजिशनल ट्रेडिंग में क्या अंतर है, इसके लाभ एंव जोखिम आदि के बारे में विस्तार से बात करेंगे।

यदि आप शेयर मार्केट में ट्रेड करना चाहते हैं लेकिन इंट्राडे में वोलेटिलिटी बहुत ज्यादा है और साथ ही आप लंबी अवधि के निवेश के लिए अपने पैसो को लम्बी अवधि के लिए ब्लॉक नहीं करना चाहते हैं, तो Positional Trading आपके लिए सही विकल्प हो सकता है।

पोजिशनल ट्रेडिंग भी शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग में आती है जिसमे आपको कुछ दिन या सप्ताह या महीनों के लिए अपनी पोजीशन को होल्ड रखते है। इसमें आपको एक इंट्राडे ट्रेडर की तरह पूरे दिन स्क्रीन से चिपके रहने की आवश्यकता नहीं है।

जैसा कि आपको पता होगा कि इंट्राडे ट्रेडिंग में बहुत तनाव रहता है, तो आप इन सब से बचना चाहते है तो Positional Trading आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। हालांकि, आपको यह याद रखना चाहिए कि शेयर मार्केट में निवेश या ट्रेडिंग का कोई भी रूप बिना जोखिम का नहीं है। प्रत्येक निवेश या ट्रेड अपने स्वयं के जोखिमों के साथ आता है और इसलिए आपको निवेश या ट्रेड करने से पहले उन सभी जोखिमों के बारे में समझना बहुत महत्वपूर्ण है।

Positional Trading Meaning in Hindi

पोजिशनल ट्रेडिंग एक शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग शैली है। जो हमें लंबे समय तक शेयर मार्केट में अपनी पोजीशन बनाए रखने और रखने की अनुमति देती है। यह समय अवधि कुछ दिन या एक सप्ताह या एक महीने की भी हो सकती है।

पोजिशनल ट्रेडर स्टॉक मार्केट में हो रहे छोटे मूवमेंट से प्रभावित नहीं होते है, यह किसी स्टॉक में लंबी अवधि के ट्रेंड से प्रॉफिट अर्जित करने की तलाश में रहते है। एक तरह से कहे तो पोजिशनल ट्रेडिंग निवेश के ही समान है, लेकिन इनमे महत्वपूर्ण अंतर यह है कि निवेशक स्टॉक को खरीदने और रखने तक ही सीमित होते है। जबकि पोजिशनल ट्रेडर किसी स्टॉक के अपट्रेंड की शुरुआत में ट्रेड लेते है और जब तक वह लॉन्ग ट्रेंड चलता है तब तक वह उस ट्रेड में बने रहते है।

अभी तक आप Positional Trading Meaning in Hindi लेख में Positional Trading क्या है? समझ गए होंगे, अभी हम समझते है कि इंट्राडे ट्रेडिंग और पोजिशनल ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

इंट्राडे ट्रेडिंग और पोजिशनल ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

इंट्राडे ट्रेडिंग और पोजिशनल ट्रेडिंग दोनों शैलियों को समझकर, आप यह चुन सकते हैं कि आपकी आवश्यकताओं के लिए कौन सी ट्रेडिंग शैली आपके लिए उपयुक्त है।

इंट्राडे ट्रेडिंग

जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है, इंट्राडे ट्रेडिंग में हम जिस दिन किसी स्टॉक में पोजीशन बनाते है हमें उसी दिन मार्केट बंद होने से पहले उस पोजीशन को निकालना होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग में अगर आप अपनी पोजीशन मार्केट बंद होने से पहले स्क्वायर ऑफ नहीं करते है तो आपका ब्रोकर स्वचालित रूप से खुद ही पोजीशन को स्क्वायर ऑफ़ कर देगा।

एक इंट्राडे ट्रेडर के रूप में, आपको अपनी ट्रेड को मार्केट बंद होने से पहले निकालना होता है, भले ही वह ट्रेड प्रॉफिट या नुकसान में बंद हो। इसलिए, इंट्राडे ट्रेडिंग का उद्देश्य छोटे मूवमेंट से लाभ कमाना है।

पोजिशनल ट्रेडिंग

हाल के वर्षों में, पोजिशनल ट्रेडिंग ने बहुत लोकप्रियता हासिल की है क्योंकि इसमें आपको ज्यादा समय देने की आवश्यकता नहीं होती है इसके साथ ही इंट्राडे ट्रेडिंग के मुकाबले स्किल की भी कम आवश्यकता होती है।

पोजिशनल ट्रेडिंग कुछ दिनों, हफ्तों या महीनों के लिए स्टॉक की स्थिति की आवश्यकता के अनुसार अपनी पोजीशन को बनाए रखने की अनुमति देता है। पोजिशनल ट्रेडिंग में कोई समय सीमा तय नहीं होती है, बल्कि, इसे किसी के ट्रेड की प्रकृति के आधार पर चुना जाता है।

क्या पोजिशनल ट्रेडिंग आपके लिए सही है?

सभी निवेशकों और ट्रेडर्स को अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों के के आधार पर सही ट्रेडिंग शैली का चुनाव करना चाहिए, और इसके साथ ही प्रत्येक ट्रेडिंग शैली के अपने फायदे और नुकसान हैं।

अगर आप नौकरी करते है या कोई व्यवसाय करते है जिसके चलते आपको अधिक समय नहीं मिल पाता है तो पोजिशनल ट्रेडिंग आपके लिए विल्कुल सही है। क्योंकि पोजिशनल ट्रेडिंग में आप मार्केट को बहुत कम समय देने के बावजूद अच्छा पैसा कमा सकते है।

पोजिशनल ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग शैली है जिसमे हमें स्टॉक को कुछ दिनों से लेकर कुछ महीने तक भी होल्ड करके रखना पड़ सकता है इसलिए आपके पास पोजिशनल ट्रेडिंग करने के लिए फ्री कैश होना चाहिए जिसकी आपको आने वाले कुछ समय में आवश्यकता न हो।

अगर आपके पास समय की कमी है और फिर भी अच्छा पैसा कमाने चाहते है तो पोजिशनल ट्रेडिंग आपके लिए विल्कुल सही है।

पोजिशनल ट्रेडिंग का दृष्टिकोण

पोजिशनल ट्रेडिंग में आमतौर पर फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस दोनों का उपयोग किया जाता है।

फंडामेंटल एनालिसिस हमें कंपनी की स्ट्रेंथ और वीकनेस के वारे में बताता है कि कंपनी फाइनेंसियली कितनी अच्छी है और कितनी कमजोर है।

टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग किसी स्टॉक प्राइस के मूवमेंट को समझने के लिए किया जाता है जो एक ट्रेडर को मुनाफा कमाने की अनुमति देता है। इसके अलावा, टेक्निकल एनालिसिस का उद्देश्य उन ट्रेंड की पहचान करना है जो काफी लंबे समय तक चलेंगे और वह ट्रेंड कहाँ तक चलेंगे ये संकेत प्रदान करते हैं।

टेक्निकल एनालिसिस आमतौर पर पोजिशनल ट्रेडर को दो विकल्प प्रदान करता है: स्ट्रॉन्ग ट्रेंड वाले स्टॉक को ट्रेड करें जिनमें अभी तक ट्रेंड शुरू नहीं हुआ हैं, या उन स्टॉक्स को ट्रेड करें जो पहले से ही ट्रेंड शुरू कर चुके हैं।

पहला विकल्प उच्च रिटर्न प्रदान कर सकता है, लेकिन यह काफी जोखिम भरा और अधिक एनालिसिस की मांग करता है। दूसरी ओर, दूसरा विकल्प कम एनालिसिस की मांग करता है, लेकिन इसमें ट्रेडर उतना अधिक लाभ अर्जित करने से चूक सकता है।

किसी भी स्टॉक में पोजिशनल ट्रेड लेने से पहले उसका टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस जरूर करे, उसके उपरान्त की अपना ट्रेडिंग निर्णय ले।

पोजिशनल ट्रेडिंग के लाभ

Positional Trading में जब कोई ट्रेडर अनुभव और ज्ञान के साथ सही स्ट्रेटेजी का उपयोग करता है, तो ये एक महान ट्रेडिंग शैली साबित हो सकती है। पोजिशनल ट्रेडिंग का मुख्य लाभ यह है कि यह आपको विभिन्न ट्रेडिंग शैलियों का उपयोग करने की स्वतंत्रता देता है। आप पोजिशनल ट्रेडिंग के साथ मार्केट के ट्रेंड के आधार पर इंट्राडे और स्विंग ट्रेडिंग का भी अभ्यास कर सकते हैं।

Positional Trading आपको कुछ सप्ताह और महीनों में शेयरों में होने वाले भारी उतार-चढ़ाव का अधिकतम लाभ उठाने की अनुमति देती है। पोजिशनल ट्रेडिंग के सबसे बड़े लाभों में से एक यह कि आप पूरे ट्रेडिंग सत्र के लिए खुद को स्क्रीन से चिपके बिना यह सब कर सकते हैं। इसमें आपको न्यूनतम समय देना होता है बशर्ते आपके पास उचित एनालिसिस और स्ट्रेटेजी के आधार पर एक ट्रेडिंग योजना हो।

पोजिशनल ट्रेडिंग में जोखिम

स्टॉक मार्केट में जोखिम शामिल होता हैं इसलिए Positional Trading में भी जोखिम शामिल है। इससे जुड़े कुछ जोखिम हैं, जिनमें कम लिक्विडिटी और ट्रेंड रिवर्सल जोखिम शामिल हैं। जब भी किसी स्टॉक के ट्रेंड में अप्रत्याशित उलटफेर होता है, तो इसके कारण पोजिशनल ट्रेडर का काफी नुकसान होता है।

पोजिशनल ट्रेडिंग के लिए भी ट्रेडर को अपनी पूंजी को लंबे समय तक ब्लॉक करने की आवश्यकता होती है। क्योंकि पोजिशनल ट्रेड कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनो तक भी जा सकता है। इसलिए ट्रेडिंग की दुनिया में कदम रखने से पहले अपने जोखिम प्रोफाइल का मूल्यांकन जरुर कर ले।

निष्कर्ष

यदि आप स्टॉक मार्केट में ट्रेड करना चाहते हैं लेकिन ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी आपकी समय की कमी आपको ट्रेडर बनने की अनुमति नहीं दे रही है, तो ये आपके लिए सही विकल्प हो सकता है। पोजिशनल ट्रेडिंग एक बढ़िया विकल्प हो सकता है बशर्ते कि आप उचित ज्ञान और शोध के साथ ट्रेड करें।

अभी तक आपको Positional Trading Meaning in Hindi लेख में पोजिशनल ट्रेडिंग से सवंधित सभी सबालो के जबाव मिल गए होंगे, फिर अगर आपका कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है।

सफल निवेश पर 6 सर्वश्रेष्ठ जॉर्ज सोरोस उद्धरण

जॉर्ज सोरोस एक हंगेरियन-अमेरिकी अरबपति हैंइन्वेस्टर और परोपकारी जिसे "द मैन हू ब्रोक द" के रूप में जाना जाता हैबैंक इंग्लैंड के"। वह दुनिया के शीर्ष सफल निवेशकों में से हैं जिनके पास a . हैनिवल मूल्य $8.3 बिलियन (मई 2020 तक)। सोरोस के दर्शन के प्रारंभिक अध्ययन ने कार्ल पॉपर के सामान्य सिद्धांत का एक अनुप्रयोग तैयार कियारिफ्लेक्सीविटी प्रतिराजधानी बाजार। वह परिसंपत्तियों के बुलबुले और प्रतिभूतियों के मौलिक मूल्य के साथ-साथ स्टॉक की अदला-बदली के लिए उपयोग की जाने वाली विसंगतियों की स्पष्ट तस्वीर प्रस्तुत करता है।

George Soros

ट्रेडिंग पर गेरोगे सोरोस की किताबों ने कई निवेशकों को आकर्षित किया है, जो निवेश पर दिशा-निर्देशों के लिए पर्याप्त हैं। साथ ही, उनके उद्धरण विश्व प्रसिद्ध हैं। यहां आपको गेरोगे सोरोस के कुछ सबसे अधिक फॉलो किए जाने वाले उद्धरण मिलेंगे जो आपको ट्रेडिंग और निवेश में अच्छी तरह से मदद करेंगे।

विवरण जॉर्ज सोरोस विवरण
नाम गेरोगे सोरोस (ग्योर्गी श्वार्ट्ज)
शिक्षा लंदन स्कूल ऑफअर्थशास्त्र (बीए, एमए, डीफिल)
पेशा निवेशक,हेज फंड प्रबंधक, लेखक, और परोपकारी
निवल मूल्य $8.3 बिलियन (मई 2020)
पुस्तकें 1) वित्त की कीमिया 2) सोरोस पर सोरोस: वक्र से आगे रहना 3) 2008 का संघर्ष और इसका क्या अर्थ है: वित्तीय बाजारों के लिए नया प्रतिमान 4) जॉर्ज सोरोस परभूमंडलीकरण

निवेश पर शीर्ष जॉर्ज सोरोस उद्धरण

मैं केवल इसलिए अमीर हूं क्योंकि मुझे पता है कि मैं कब गलत हूं . मैं मूल रूप से अपनी गलतियों को पहचानकर जीवित रहा हूं।

गेरोगे सोरोस का कहना है कि जब आप व्यापार में गलत होते हैं, तो आप अपने आप को लंबे समय तक व्यापार के लिए तैयार कर रहे होते हैंमंडी. सफल ट्रेडरों में यह आम बात है कि यह जानना कि आप गलत हैं और यह - सफल ट्रेडिंग के लिए प्राथमिक कदमों में से एक है।

इसलिए, सुनिश्चित करें कि आप अपनी गलती को समझें और उससे सीखें। आपके द्वारा की जाने वाली त्रुटियों की संख्या, यह केवल लंबी अवधि के व्यापार के लिए आपके कौशल को तेज करेगी।

बाजार लगातार अनिश्चितता और प्रवाह की स्थिति में हैं, और पैसा स्पष्ट छूट और अप्रत्याशित पर दांव लगाकर बनाया जाता है

गेरोगे सोरोस का सुझाव है कि यदि आप यह पता लगा सकते हैं कि अन्य व्यापारी क्या सोच रहे हैं, तो आप बाजार की गतिविधियों को निर्धारित कर सकते हैं। इसे जानकर आप आसानी से बाजार में व्यापार करने में सक्षम हो सकते हैं और व्यापारियों को जो होने की उम्मीद नहीं है, उसके खिलाफ दांव लगाकर रिटर्न कमा सकते हैं।

हम नए रुझानों को जल्दी पकड़ने की कोशिश करते हैं और बाद के चरणों में हम ट्रेंड रिवर्सल को पकड़ने की कोशिश करते हैं। इसलिए, हम बाजार को अस्थिर करने के बजाय स्थिर करने की कोशिश करते हैं। हम इसे एक सार्वजनिक सेवा के रूप में नहीं कर रहे हैं। यह पैसा बनाने की हमारी शैली है।

सोरोस बताते हैं कि रुझानों में कूदने के बजाय, नए रुझानों के बनने से पहले उन्हें पकड़ें। व्यापार की यह शैली कठिन है, लेकिन बाजार में फलने-फूलने के लिए मांग में आने से पहले इस प्रवृत्ति को चुनना चाहिए।

वित्तीय बाजार आमतौर पर अप्रत्याशित होते हैं। ताकि किसी के पास अलग-अलग परिदृश्य हों . यह विचार कि आप वास्तव में भविष्यवाणी कर सकते हैं कि क्या होने वाला है, बाजारों को देखने के मेरे तरीके के विपरीत है।

यह उद्धरण निवेश पर विभिन्न परिदृश्य बनाने के लिए एक मजबूत संदेश देता है। वैकल्पिक परिदृश्यों के साथ आकर, आप अपने आप को एक विचार में बंद होने से बचा सकते हैं जहां बाजार आपको निराश कर सकता है। विभिन्न परिदृश्य बनाकर - आप बाजार की स्थिति के बारे में अपने वैकल्पिक दृष्टिकोण में बदलाव करने में सक्षम हो सकते हैं, जो आपको किसी भी नुकसान से बचा सकता है।

केवल एक चीज जो मुझे चोट पहुंचा सकती है, वह यह है कि अगर मेरी सफलता ने मुझे सर्वशक्तिमान की बचपन की कल्पनाओं पर लौटने के लिए प्रोत्साहित किया - लेकिन ऐसा तब तक होने की संभावना नहीं है जब तक मैं वित्तीय बाजारों में लगा रहता हूं, क्योंकि वे मुझे लगातार मेरी सीमाओं की याद दिलाते हैं।

सर्वशक्तिमानता वह जगह है जहाँ आपको लगता है कि आप सभी से बेहतर हैं और कुछ भी आपके रास्ते में नहीं आ सकता है। जॉर्ज सोरोस कहते हैं, अगर आप इस विश्वास के साथ हैं, तो बाजार में सफलता को नुकसान होगा। उनका मानना है कि कोई भी व्यापारी पूर्ण नहीं है। जब तक आप बाजार में लगे रहेंगे, आप पाएंगे कि आप अपनी सीमाओं में फंस गए हैं।

यह मायने नहीं रखता कि आप सही हैं या गलत, बल्कि यह मायने रखता है कि आप कितना पैसा कमाते हैं जब आप सही होते हैं और कितना खोते हैं जब आप गलत होते हैं।

इसनिवेश टिप पर प्रकाश डाला गया है कि- आपके द्वारा जीते या हारे गए ट्रेडों की संख्या कोई मायने नहीं रखती। आपको वास्तव में इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि आप सफल ट्रेडों पर कितना पैसा कमाते हैं, जबकि असफल ट्रेडों पर आप कितना पैसा खोते हैं। जब आप बाजार में किसी विशेष स्टॉक को खरीदते या बेचते हैं तो गुणात्मक शोध अवश्य होता है।

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