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क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता

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बिटकॉइन का दुरुपयोग रोका नहीं जा सकता, इसके लिए कोई कानूनी नहीं: अरुण जेटली

आतंकवादी समूहों या राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा बिटकॉइन व अन्य क्रिप्टोकरेंसी के दुरुपयोग को रोका नहीं जा सकता. सरकार ने मंगलवार (2 जनवरी) को यह बात कही और कहा कि इस विषय पर वह विशेषज्ञ समूह की रपट का इंतजार कर रही है. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में कहा, “क्रिप्टोकरेंसी का एक फीचर यह है कि यह प्रशासन पर निर्भर नहीं होती. इसमें अज्ञात रहकर कारोबार किया जा सकता है. यह आभासी समुदाय के बीच काम करता है, जिसका निर्माण और वितरण आभासी समुदाय के भरोसे के आधार पर होता है.” उन्होंने कहा, “सरकार इसकी जांच कर रही है. आर्थिक मामलों के सचिव की अध्यक्षता में एक समिति क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े सभी मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रही है, ताकि इस पर सरकार कदम उठा सके. सरकार जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाएगी और रपट का इंतजार करेगी.” उन्होंने कहा कि दुनिया भर में 785 तरह की क्रिप्टोकरेंसी प्रचलन में है. जेटली ने यह भी स्पष्ट किया कि क्रिप्टो-करेंसीज जैसे बिटकॉइन के इस्तेमाल को लेकर किसी प्रकार की कानूनी सुरक्षा उपलब्ध नहीं है, क्योंकि यह ‘वैध मुद्रा’ नहीं है.

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार (2 जनवरी) को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने किसी कॉर्पोरेट ऋण को माफ नहीं किया है और ये सारी धारणाएं केवल गलतफहमियां हैं. सरकार द्वारा कथित रूप से करीब 55 हजार करोड़ रुपये के कॉर्पोरेट ऋण माफ करने को लेकर पूछे गए सवाल पर जेटली ने राज्यसभा में कहा, “मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि न तो सरकार ने और न ही बैंकों ने किसी ऋण को माफ किया है.” उन्होंने कहा, “केवल चार साल बाद जब ऋण अनिष्पादित रह जाता है और बैंक को लगता है कि वसूली करना मुश्किल है तो वे ऋण की श्रेणी बदल देते हैं. लेकिन अदाकर्ता की जिम्मेदारी है कि वह बचा हुआ ऋण वापस दें. आयकर में राहत पाने के लिए बैंक प्रावधान करते हैं.”

पूरक प्रश्नों के जवाब में वित्तमंत्री ने कहा कि 2015 में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संपत्तियों की गुणवत्ता की समीक्षा में पाया गया कि अनिष्पादित ऋण वहां हुए, जहां बैंकों ने धुंआधार उधारी दी या जोखिम का आवश्यक मूल्यांकन नहीं किया. इसके साथ ही वहां जानबूझकर डिफॉल्ट के मामले भी रहे हैं. उन्होंने कहा, “प्रत्येक अनिष्पादित खाते की एक अलग कहानी है. इसलिए इन मामलों में कानून के तहत जो भी कदम उठाए जाने चाहिए थे, उठाए गए. जहां आपराधिक जवाबदेही तय करनी चाहिए थी, की गई. और जहां व्यापारिक घाटे का कारण बताया गया, वहां वसूली प्रक्रिया या दिवालिया प्रक्रिया चालू है.” हालांकि, जेटली कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता द्वारा पूछे गए प्रश्नों का सीधा जवाब देने से बचते नजर आए. चिदंबरम ने जेटली से जानना चाहा था कि एक अप्रैल, 2014 के बाद से कितने ऋण अनिष्पादित संपित्तयों में बदल गए.

क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता

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क्रिप्टोकरेंसी होगी रेग्यूलेट, टेरर फंडिंग रोकने को सरकार ने कसी कमर

Cryptocurrency

केंद्र सरकार क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेट करने के लिए बिल लाने की तैयारी में है. इस खबर के सामने आने के बाद से ही एक के बाद एक सभी क्रिप्टोकरंसी क्रैश होने लगी है. इनमें निवेश करने वालों में इस बात को लेकर आशंका थी कि अब उनके पैसे का क्या होगा. सूत्रों का कहना है कि सरकार पूरी तरह से इस पर बैन नहीं लगाएगी. इसके जरिए होने वाले हवाला और टेरर फंडिंग को रोकने के लिए इसे रेग्युलेट किया जा सकता है.

क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 को इसी शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जाएगा. संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा. इन खबरों की वजह से Bitcoin का भाव गिरकर एक महीने के निचले स्तर पर आ गया है.

सूत्रों का कहना है कि आरबीआई के क्रिप्टोकरंसी को लेकर चिंता जाहिर करने के बाद केंद्र सरकार ने इसे रेग्युलेट करने की तैयारी शुरू कर दी है. सूत्रों ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी को वैध करेंसी की मान्यता नहीं दी जाएगी क्योंकि यह असल करेंसी और देश के टैक्स सिस्टम के लिए खतरा है. रेगुलेशन मैकेनिज्म तय होने के बाद क्रिप्टोकरेंसी का गलत इस्तेमाल नहीं हो पाएगा. सरकार को इस बात की फिक्र है कि क्रिप्टो का इस्तेमाल हवाला या टेरर फंडिंग में ना किया जाए.

कितना बड़ा क्रिप्टोकरंसी का बाजार
एक अनुमान की बात करें तो दुनिया भर में 7 हजार से ज्यादा अलग-अलग क्रिप्टोकरंसी मौजूद हैं. 2013 में दुनिया में क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता सिर्फ BitCoin के नाम से पहली क्रिप्टोकरंसी थी. इसे साल 2009 में लॉन्च किया गया था. क्रिप्टोकरंसी को लेकर कई शेयर मार्केट ब्रोकर जेरोधा के फाउंडर ने भी कई सवाल उठाए हैं.

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संसद में बिल लाएगी सरकार

क्रिप्टोकरेंसी का मुद्दा एक बार फिर लोगों की जुबान पर है। सरकार इस बारे में कई बैठकें कर चुकी है और अब वह संसद के शीतकालीन सत्र में इससे जुड़ा बिल लाने जा रही है। लेकिन बिल लाने की ख़बर से ही क्रिप्टोकरेंसी का बाज़ार गिर गया। भारत में लाखों लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया हुआ है।

इस बिल का नाम Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021 है। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है।

यह बिल सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को भारत में रोकेगा हालांकि इसमें कुछ अपवाद भी होंगे। क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता माना जा रहा है कि सरकार इस सत्र में इस बिल को पास कर देगी। सरकार का कहना है कि रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया अपनी डिजिटल करेंसी को लांच करेगा।

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18 नवंबर को सिडनी डायलॉग में दिए अपने भाषण में भी प्रधानमंत्री ने इसका जिक्र किया था और कहा था कि सभी देश इस बात को सुनिश्चित करें कि क्रिप्टोकरेंसी ग़लत हाथों में न जाए। आरबीआई और सेबी भी भारत में क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती रफ़्तार पर चिंता जता चुके हैं।

सरकार की चिंता इस बात को लेकर है कि ऐसे निवेशक जिन्होंने इसमें पैसा क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता लगाया हुआ है, उनका पैसा डूब सकता है। बीते कुछ दिनों से अख़बारों में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आ रहे तमाम विज्ञापनों के बाद बड़ी संख्या में लोग क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जानकारी ले रहे हैं और इसमें निवेश भी कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में कई मंत्रालयों के और आरबीआई के अफ़सरों के साथ बैठक की थी। बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा ने भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जो चुनौतियां हैं, उस पर अफ़सरों के साथ बैठक कर लंबी बातचीत की थी। इस बैठक में यह आम सहमति बनी थी कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका तो नहीं जा सकता लेकिन इसे नियमित ज़रूर किया जा सकता है।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी?

यह भी जान लेना ज़रूरी है कि आख़िर क्रिप्टोकरेंसी क्या है। क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल मुद्रा है। यह रुपये, पाउंड, डॉलर या यूरो की तरह नोट तो नहीं है जिसे जेब में रखा जा सकता है, लेकिन यह काम ऐसा ही करती है। यानी इसका मूल्य है। ठीक उसी तरह जिस तरह 10, 50, 100, 500 या 2000 रुपये के नोटों की क़ीमत है। क्रिप्टोकरेंसी कंप्यूटर के बेहद जटिल एन्क्रिप्टेड कोड से बनाई गई करेंसी है और इसकी क़ीमत इसलिए है कि लोग इसके जरिये लेनदेन करते हैं और उन्हें इसमें भरोसा है।

कैसे करें इस्तेमाल?

क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करने के लिए न तो किसी बैंक की ज़रूरत है और न ही किसी सरकार की निगरानी की। क्रिप्टोकरेंसी के जरिये बिना किसी रोकटोक के दुनिया भर में कहीं भी ऑनलाइन भुगतान भेजा जा सकता है या प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए कोई शुल्क भी नहीं लगता है। बस आपके पास इंटरनेट की सुविधा है और मोबाइल या लैपटॉप है तो क्रिप्टोकरेंसी से लेनदेन कर सकते हैं। मोबाइल पर क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित ऐप खोलकर यह काम किया जा सकता है।

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