इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज

विरोध के बीच लगातार तीसरे दिन पेट्रोल-डीजल के भाव स्थिर, कच्चे तेल में तेजी
पेट्रोल और डीजल के दाम में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन स्थिरता बनी रही, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में उतार चढ़ाव इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज बरकरार है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 02 जुलाई 2020,
- (अपडेटेड 02 जुलाई 2020, 8:18 AM IST)
- पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर विपक्ष हमलावर
- लगातार तीसरे दिन नहीं बढ़े पेट्रोल-डीजल के भाव
बीते कुछ दिनों से पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्ष हमलावर है. इसका दबाव इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज तेल कंपनियों पर भी देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि तीन दिन से तेल के भाव स्थिर हैं. हालांकि, बीते बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में तेजी जरूर देखी गई. बता दें कि बीते महीने 22 बार डीजल के दाम में वृद्धि हुई और पेट्रोल की कीमत में 21 बार वृद्धि की गई.
क्या है रेट लिस्ट
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल का भाव बिना किसी बदलाव के क्रमश: 80.43 रुपये, 82.10 रुपये, 87.19 रुपये और 83.63 रुपये प्रति लीटर बना हुआ है. डीजल का दाम भी चारों महानगरों में पूर्ववत क्रमश: 80.53 रुपये, 75.64 रुपये, 78.83 रुपये और 77.72 रुपये प्रति लीटर पर है.
कच्चे तेल का हाल
अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के भाव में 1.11 फीसदी की तेजी रही और यह 41.73 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था. कमोडिटी बाजार के जानकार बताते हैं कि अमेरिकल पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में कच्चे तेल के भंडार में गिरावट का अनुमान लगाया गया है जिससे तेल के दाम में तेजी लौटी है.
भारत में बढ़ रही ईंधन की मांग
इस बीच, देश में लॉकडाउन के हटने और आर्थिक गतिविधियां बढ़ने के साथ ही ईंधन की मांग धीरे धीरे कोविड- 19 से पहले के स्तर के नजदीक पहुंचने लगी है. सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक ईंधन की मांग कोविड- 19 से पहले के स्तर के 88 प्रतिशत तक पहुंच गई है.
इससे पहले अप्रैल में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग 2007 के बाद के सबसे निचले स्तर तक गिर गई थी. बता दें कि भारत दुनिया में पेट्रोलियम उत्पादों का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है.
इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज ने हैदराबाद में शुरू किया भारतीय मुख्यालय
हैदराबाद, 13 नवंबर (भाषा) वैश्विक एक्सचेंज तथा क्लियरिंग हाउस का परिचालन करने वाली अमेरिकी कंपनी इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) ने यहां अपना स्थानीय मुख्यालय शुरू करने की बुधवार को घोषणा की। कंपनी ने एक बयान में बताया कि यह कार्यालय शुरुआत में आईसीई डेटा सर्विसेज के संदर्भ के आंकड़े मुहैया करायेगा। कंपनी के अध्यक्ष बेंजामिन जैकसन ने कहा, ‘‘भारत आईसीई की वैश्विक वृद्धि की रणनीति का अहम भाग है और चूंकि हम विश्व भर में उपभोक्ताओं के साथ भागीदारी कर रहे हैं तथा उन्हें सेवाएं मुहैया करा रहे हैं, ऐसे में भारत विस्तृत संसाधन हो जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत में प्रतिभा की प्रचूरता तथा
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पेट्रोल से 1.21 रुपये लीटर महंगा बिक रहा डीजल, जानें-मंगलवार की रेट लिस्ट
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में नरमी है. हालांकि, डीजल के दाम में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 21 जुलाई 2020,
- (अपडेटेड 21 जुलाई 2020, 8:27 AM IST)
- मंगलवार को पेट्रोल और डीजल के भाव स्थिर रहे
- पेट्रोल के भाव में लगातार 22वें दिन बदलाव नहीं
वैसे तो बीते 21 दिन में पेट्रोल की कीमत में बढ़ोतरी नहीं हुई है लेकिन डीजल के भाव में तेजी का सिलसिला जारी है. यही वजह है कि देश की राजधानी दिल्ली में अब पेट्रोल के मुकाबले डीजल 1.21 रुपये लीटर महंगा हो गया है. हालांकि, मंगलवार को इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज पेट्रोल और डीजल दोनों के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ. इससे पहले सोमवार को डीजल के दाम बढ़ गए थे.
सोमवार को डीजल का हाल
तेल विपणन कंपनियों ने सोमवार को डीजल के दाम में 10-12 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी थी. इससे पहले, रविवार को इस ईंधन के भाव में कोई इजाफा नहीं हुआ. वहीं, पेट्रोल की कीमतें एक बार फिर स्थिर रहीं. ये लगातार 21 वां दिन था जब पेट्रोल के भाव नहीं बढ़े थे.
मंगलवार की रेट लिस्ट
सप्ताह के दूसरे दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई, ऐसे में भाव सोमवार के ही लागू होते हैं. इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में डीजल की कीमत क्रमश: 81.64 रुपये, 76.77 रुपये, 79.83 रुपये और 78.60 रुपये प्रति लीटर हो गई जबकि चारों महानगरों में पेट्रोल का भाव लगातार 22वें दिन बिना किसी बदलाव के क्रमश: 80.43 रुपये, 82.10 रुपये, 87.19 रुपये और 83.63 रुपये प्रति लीटर पर बना हुआ है.
कच्चे तेल में नरमी बरकरार
वहीं अगर कच्चे तेल की बात करें तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में नरमी बनी हुई है. इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के सितंबर वायदा अनुबंध में सोमवार को पिछले सत्र से 0.65 फीसदी की गिरावट के साथ 42.86 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था.
दरअसल, कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ते मामले को लेकर दुनियाभर में अनिश्चितता का माहौल है. यही वजह है कि डिमांड भी उम्मीद से कम है. इस आशंका भरे माहौल में कच्चे तेल की कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है.
NYSE और Nasdaq ने रूसी कंपनियों के शेयर कारोबार पर लगाई रोक
यूक्रेन पर हमले के कारण तमाम देश रूस पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। अमेरिका ने भी रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। इसी बीच अब Nasdaq Inc और NYSE ने रूस-स्थित कंपनियों के शेयरों के व्यापार पर अस्थायी रोक लगा दी है।
न्यूयॉर्क, रॉयटर्स। रूस-यूक्रेन युद्ध और रूस पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच अब Nasdaq Inc (NDAQ.O) और इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज इंक (ICE.N) NYSE ने अपने एक्सचेंजों में सूचीबद्ध रूस-स्थित कंपनियों के शेयरों के व्यापार को अस्थायी रूप से रोक दिया है। इस मामले से परिचित लोगों ने कहा कि नियामक चिंताओं के कारण यह रोक लगाई गई है क्योंकि यूक्रेन पर आक्रमण के कारण रूस पर लगाए जा रहे आर्थिक प्रतिबंधों को लेकर एक्सचेंज अधिक स्पष्ट होना चाहते हैं।
Nasdaq में सूचीबद्ध स्टॉक- नेक्सटर्स इंक, हेडहंटर ग्रुप पीएलसी (HHR.O), ओजोन होल्डिंग्स पीएलसी (OZON.O), किवी पीएलसी (QIWI.O) और यांडेक्स (YNDX.O) पर रोक लगाई गई है। वहीं, NYSE-सूचीबद्ध स्टॉक- Cian PLC (CIAN.N), मेकेल पीएओ और मोबाइल टेलीसिस्टम्स पीएओ पर भी रोक लगाई गई है।
NYSE की मालिक ICE ने यह भी कहा कि वह प्रतिबंधित रूसी कंपनियों से अपने निश्चित आय सूचकांक में कोई नया ऋण जारी नहीं करेगा, और इससे प्रभावित मौजूदा ऋण 31 मार्च को हटा दिया जाएगा।
इससे अलग 12,000 से अधिक ओवर-द-काउंटर प्रतिभूतियों के लिए मूल्य की जानकारी प्रदान करने वाले ओटीसी मार्केट्स ग्रुप (ओटीसीएम.पीके) ने कहा कि वह रूस पर प्रतिबंधों और रूसी अमेरिकी डिपॉजिटरी रिसिप्ट्स के व्यापार पर प्रभाव की नियामक जानकारी चाहता है।
न्यूयॉर्क स्थित कंपनी ने एक ईमेल बयान में कहा, "ओटीसी मार्केट्स ग्रुप निगरानी कर रहा है और संघीय नियामकों के साथ काम कर रहा है तथा जानकारी उपलब्ध होने पर उनके मार्गदर्शन और निर्देशों के अनुसार कार्य करेगा।"
वहीं, लगभग सभी अमेरिकी प्रतिभूतियों के लेनदेन को संसाधित करने वाले डिपोजिटरी ट्रस्ट एंड क्लियरिंग कॉरपोरेशन ने भी कहा कि रूस पर प्रतिबंधों के संभावित प्रभाव का आकलन किया जा रहा था।
समूह के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम यूक्रेन में स्थिति को करीब से देख रहे हैं और बाजार की स्थिरता की रक्षा करने और अपने ग्राहकों तथा व्यापक उद्योग को निश्चितता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"