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प्रत्यक्ष विदेशी निवेश

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
चीन से निवेश का बड़ा हिस्सा भारतीय स्टार्टअप में आता है और ऐसी ज्यादातर कंपनियों के सही शेयरधाारिता पैटर्न से सरकार पूरी तरह अवगत नहीं है। गेटवे हाउस के अनुसार, चीन के आईटी निवेशकों ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारतीय स्टार्टअप में 4 अरब डॉलर का निवेश किया और भारत के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 30 यूनिकॉर्न में से 18 का वित्त पोषण चीनी निवेशकों की मदद से किया गया। लेकिन सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि संपन्न पड़ोसी देश से पूंजी आकर्षित किए जाने के सरकार के प्रयासों के बावजूद दिसंबर, 2019 तक चीन से निवेश महज 2.3 अरब डॉलर पर बना हुआ था। इसकी वजह यह है कि चीन से ज्यादातर निवेश सिंगापुर के जरिये किया जाता है।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नए नियम पर बनी हुई है अनिश्चितता

भले ही सरकार ने यह अनिवार्य बना दिया है कि चीन से सभी विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के लिए सरकारी मंजूरी लेने की जरूरत होगी, लेकिन इसे लेकर आशंका बनी हुई है कि देश से अप्रत्यक्ष निवेश कितना प्रभावित होगा।

घरेलू कंपनियों प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को कोविड-19 संकट के बीच अवसरवादी विदेशी कंपनियों द्वारा शत्रुतापूर्ण अधिग्रहण की कोशिश से बचाने के प्रयास में सरकार ने शनिवार को अचानक एक बड़ा फैसला लिया। सरकार ने पहली बार एक विशेष कानूनी शर्त का इस्तेमाल किया है। वैश्विक रूप से ताकतवर 'बेनीफिशियल ऑनरशिप' खंड यह साबित करता है कि निर्णायक तौर पर कंपनी का मालिक कौन है, जिसके आधार पर स्वामित्व की अनुमति दी जाती है और इस बारे में नियम बनाए जाते हैं कि कंपनियां कैसे अपने स्वामित्व ढांचे पर रिपोर्ट कर सकेंगी।

अब उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवद्र्घन विभाग (डीपीआईआईटी) ने यह अनिवार्य बना दिया है कि कंपनियों को विदेशी नागरिकों से एफडीआई के संबंध में सरकारी मंजूरी लेने की जरूरत होगी। हालांकि भारत में इस समस्या के समाधान के लिए नियम पहले ही बनाया चुका है, लेकिन डीपीआईआईटी को इसे लेकर स्थिति स्पष्टï करनी बाकी है कि क्या वे नियम नए एफडीआई कानूनों से संबंधित होंगे। इस बीच, निवेशकों, वकीलों और विश्लेषकों में अनिश्चितता बनी हुई है।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश

2019 की तुलना में 2020 में 26 फीसदी से ज्यादा बढ़ा एफडीआई

जहां 2019 के दौरान देश में 3.78 लाख करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ था वो 2020 में 25 फीसदी बढ़कर 4.74 लाख करोड़ पर पहुंच गया है

By Lalit Maurya

On: Monday 21 June 2021

विदेशी निवेशकों ने महामारी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में एक बार फिर भरोसा दिखाया है। जिसका सबूत है देश के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 2019 की तुलना में 2020 के दौरान 26 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। जहां 2019 में देश में हुआ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 3.78 लाख करोड़ रुपए (5,प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 100 करोड़ डॉलर) था वो 2020 में बढ़कर 4.74 लाख करोड़ (6,400 करोड़ डॉलर) पर पहुंच गया है। यह जानकारी यूएन कॉन्‍फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (यूएनसीटीएडी) द्वारा जारी वर्ल्ड इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट 2021 में सामने आई है।

यदि वैश्विक स्तर पर देखें तो भारत दुनिया का पांचवा ऐसा देश हैं जहां इतनी बड़ी मात्रा में विदेशी निवेश हुआ है। यदि वैश्विक स्तर पर देखें तो भारत दुनिया का पांचवा ऐसा देश हैं जहां इतनी बड़ी मात्रा में विदेशी निवेश हुआ है। हालांकि कोविड-19 का असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर दर्ज किया गया है। इसके बावजूद देश में निवेश में बढ़ोतरी हुई है, जिसकी सबसे बड़ी वजह मजबूत बुनियाद है, जिसने मध्‍यम अवधि के लिए उम्‍मीद की किरण को बरकरार रखा है।

FDI क्या है , प्रत्यक्ष विदेशी निवेश

FDI क्या है | प्रत्यक्ष विदेशी निवेश | FDI Explanation in Hindi

विदेशी निवेश सुविधा पोर्टल ( Foreign Investment Facilitation Portal- FIFP) उन आवेदनों ( Applications) को ‘ एकल खिड़की निकासी ’ (Single Window प्रत्यक्ष विदेशी निवेश Clearance) की सुविधा प्रदान करता है जो अनुमोदन मार्ग ( Approval Route) से प्राप्त होते हैं।

विदेशी निवेश क्या होता है ( Foreign Investment):

  • जब कोई देश विकासात्मक कार्यो के लिये अपने घरेलू स्रोत से संसाधनों को नहीं जुटा पाता है तो उसे देश के बाहर जाकर शेष विश्व की अर्थव्यवस्था से संसाधनों को जुटाना पड़ता है।
  • शेष विश्व से ये संसाधन या तो कर्ज (ऋण) के रूप में जुटाए जाते हैं या फिर निवेश के रूप में।
  • कर्ज के रूप में जुटाए गए संसाधनों पर ब्याज देना पड़ता है , जबकि निवेश की स्थिति में हमें लाभ में भागीदारी प्रदान करनी होती है।
  • विदेशी निवेश विकासात्मक कार्यों के लिये एक महत्त्वपूर्ण ज़रिया है। विदेशी निवेश को निम्न दो रूपों में देखा जा सकता है-

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ( Foreign Direct Investment- FDI):

  • यदि विदेशी निवेशक को अपने निवेश से कंपनी के 10% या अधिक शेयर प्राप्त हो जाएँ जिससे कि वह कंपनी के निदेशक मंडल में प्रत्यक्ष भागीदारी कर सके तो इस निवेश को ‘ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ’ कहते हैं। इससे विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होती है।

वर्ष 2019-20 में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ( Foreign Direct Investment - FDI)

  • ’ उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग ’ (Department for Promotion of Industry and Internal Trade-DPIIT) द्वारा जारी नवीनतम आकँड़ों के अनुसार , वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ( Foreign Direct Investment - FDI) में वृद्धि दर्ज़ की गई है।
  • वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 18% की वृद्धि दर्ज की गई है जो वर्तमान में बढ़कर 73.46 बिलियन डॉलर हो गया है। यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पिछले चार वर्षों के दौरान सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है। इस निवेश के परिणामस्वरुप रोज़गार में सृजन होगा।
  • विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा भारत में 247 मिलियन डॉलर का निवेश किया गया है।

वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान निम्नलिखित क्षेत्रों में अधिकतम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ है-

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ने तोड़ा अब तक का रिकॉर्ड, विनिर्माण के क्षेत्र में भारत बन रहा पसंदीदा देश

Foreign direct investment broke the record so far, India is becoming a favorite country in the field of manufacturing

नई दिल्ली (एजेंसी)। वित्त वर्ष 2021-22 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में रिकॉर्डतोड़ बढ़ोतरी हुई है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि भारत ने 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर का उच्चतम वार्षिक एफडीआई यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दर्ज किया है। साल 2020-21 में यह 81.97 अरब अमेरिकी डॉलर थी।

मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 83.57 प्रत्यक्ष विदेशी निवेश अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल किया है जो अब तक किसी भी वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर की अब तक की सबसे अधिक सालाना एफडीआई दर्ज की।

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