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क्रिप्टो ब्रोकर क्या है

क्रिप्टो ब्रोकर क्या है

10 मुख्य क्रिप्‍टोकरेंसी, जिनके बारे में सभी को पता होना चाहिए, मिलेगा मोटा मुनाफा

दुनिया में प्रचलित दर्जनों क्रिप्‍टोकरेंसी के बीच 10 डिजिटल करेंसीस ने लोगों को खूब मुनाफा दिया है.

दुनिया में प्रचलित दर्जनों क्रिप्‍टोकरेंसी के बीच 10 डिजिटल करेंसीस ने लोगों को खूब मुनाफा दिया है.

क्या आप कनफ़्यूज हैं कि कौन सी क्रिप्टोकरेंसी खरीदें? मार्केट वैल्यू के आधार पर 10 मुख्य क्रिप्टोकरेंसी में से सही करें . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : September 27, 2021, 19:38 IST

इस समय पूरी दुनिया में हजारों क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं . इतनी बड़ी संख्या , पहली बार क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करने वालों के लिए मुसीबत बन जाती है . वे समझ नहीं पाते कि वास्तव में किस क्रिप्टोकरेंसी पर भरोसा करें . इसके अलावा , कभी – कभी कुछ अज्ञात क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू अचानक 100% से ज़्यादा हो जाती है , जिससे उनके लापता होने का डर (FOMO) भी बढ़ जाता है .

अगर आप क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करना चाहते हैं , तो क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानने से पहले , कुछ जांची व परखी गई क्रिप्टोकरेंसी को समझना ज़रूरी है . इसे ध्यान में रखते हुए , हमने अगस्त 2021 तक की मार्केट वैल्यू के आधार पर 10 मुख्य क्रिप्टोकरेंसी को चुना है , ताकि आप क्रिप्टो के बारे में बेहतर तरीके से जान सकें .

1 – Bitcoin
Bitcoin दुनिया की सबसे मशहूर क्रिप्टोकरेंसी है . इस ओरिजिनल क्रिप्टोकरेंसी को वर्ष 2009 में Satoshi Nakamoto के नाम से , किसी व्य ​ क्ति या ग्रुप द्वारा बनाया गया था . ज़्यादातर क्रिप्टोकरेंसी की तरह , Bitcoin भी एक ब्लॉकचेन पर चलता है , जो हजारों कंप्यूटर का एक नेटवर्क है और किसी ब्रोकर या एजेंट के बिना रीयल – टाइम में ट्रांज़ैक्शन को वेरिफाई करता है .

बेहतरीन सुरक्षा के अतिरिक्त कॉन्सेप्ट वाला Bitcoin किसी भी टाइप की हैकिंग से पूरी तरह सुरक्षित है . अगस्त महीने के अंत में इसका मार्केट कैप 856 बिलियन डॉलर से अधिक था . एक Bitcoin की कीमत पांच साल पहले के 500 डॉलर से बढ़कर , आज लगभग 45,000 डॉलर से अधिक हो गई है . इसका मतलब यह हुआ कि इस दौरान कुल 8900% का चौंका देने वाला रिटर्न मिला .

2 – Ethereum
Ethereum एक ब्लॉकचेन नेटवर्क है जिसका मूल टोकन Ether या ETH है और इसे आमतौर पर एक क्रिप्टोकरेंसी के रूप में भी जाना जाता है . अगर आपने एनएफटी (NFT) को डिजिटल तौर पर बेचे जाने के बारे में सुना है , तो आपको पता होना चाहिए कि उन्हें ज्यादातर Ethereum ब्लॉकचेन का इस्तेमाल करके प्रोसेस किया जाता है . यह एक बेहतरीन प्लेटफार्म है जो अपग्रेड होने और ट्रेंड में टॉप पर बने रहने की कोशिश लगातार करता रहता है . इसकी नई क्रिप्टो ब्रोकर क्या है पहल का उद्देश्य , जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता में भारी कमी लाना है .

क्रिप्टोकरेंसी के तौर पर , इसने चौंकाने वाले रिटर्न दिए हैं , जो पांच साल की अवधि में $11 से बढ़कर $3000 से भी अधिक हो गया है . 27,000% का यह रिटर्न दांतों तले उंगली दबाने जैसा है . फ़िलहाल , इसका एम – कैप $357 बिलियन से अधिक है , जो इसे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बनाता है .

अगर आप सोच रहे हैं कि इस तरह का रिटर्न कैसे पा सकते हैं , तो हमारे द्वारा सुझाए गए Zebpay के इस्तेमाल के बारे में ज़रूर सोचें दें . यह आपको सिर्फ़ ₹100 से शुरुआत करने और अपनी पसंद के क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने की सुविधा देता है . अपनी पहली क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए , आपको बस अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना है और केवाईसी के आसान प्रोसेस के ज़रिए खुद को वेरिफाई करना है .

3 – Binance Coin
$70 बिलियन से अधिक के मार्केट कैप वाला Binance Coin मौजूदा दौर की तीसरी सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है . इसका इस्तेमाल ट्रेडिंग , पेमेंट प्रोसेसिंग या ट्रैवल बुकिंग के लिए भी किया जा सकता है . साथ ही , क्रिप्टोकरेंसी के अन्य रूपों जैसे कि Ethereum या Bitcoin के लिए भी इसे ट्रेड या एक्सचेंज किया जा सकता है .

भारत में , क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म Zebpay अपने उपयोगकर्ताओं के लिए कुछ और भी बेहतर सुविधाएं प्रदान करता है . Zebpay Earn के साथ केवाईसी – रजिस्टर्ड उपयोगकर्ताओं को चुनिंदा क्रिप्टो होल्डिंग्स पर , दैनिक रिटर्न मिलता है . वास्तव में , आपको केवल कुछ क्रिप्टो की होल्डिंग के बदले क्रिप्टो में भुगतान मिलता है . इसमें रिटर्न की दर 1% से 7.5% तक होती है जो आपके पास मौजूद कॉइन और क्रिप्टोकरेंसी पर निर्भर करती है . Zebpay Earn, क्रिप्टोकरेंसी को स्टोर करने और अपनी क्रिप्टो होल्डिंग्स पर , रिटर्न जनरेट करने का एक शानदार तरीका है .

4 – Cardano
Cardano एक नई क्रिप्टोकरेंसी है , लेकिन इसने आते ही धूम मचा दी और इस समय सबसे ज्यादा चर्चित क्रिप्टोकरेंसी है . बड़ी क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में कम लागत पर ट्रांज़ैक्शन को वैलिडेट करने के लिए , इसे नए व भरोसेमंद प्रूफ – ऑफ – स्टेक मेथड के लिए जाना जाता है . अगस्त , 2021 के अंत में इसका मार्केट कैप 69 बिलियन डॉलर था .

5 – Tether
$64 बिलियन के एम – कैप वाला Tether, एक अलग तरह की क्रिप्टोकरेंसी है . इसे स्टेबल कॉइन कहा जाता है . यह अमेरिकी डॉलर जैसी फिएट करेंसी द्वारा समर्थित है , जो इसे अन्य अस्थिर क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में अधिक स्थिर और भरोसेमंद बनाती है .

6 – XRP
XRP को डिजिटल टेक्नोलॉजी कंपनी Ripple की टीम ने बनाया है . इसका इस्तेमाल नेटवर्क के तौर पर , अलग – अलग टाइप की करेंसी को एक्सचेंज करने के लिए किया जाता है , इसमें फिएट करेंसी के अलावा अन्य प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल हैं . अगस्त , 2021 के अंत में XRP का मार्केट कैप $52 बिलियन था .

7 – Dogecoin
मीम के रूप में होने वाली शुरुआत , आज $40 बिलियन से अधिक वैल्यू वाली क्रिप्टोकरेंसी बन गई है . इसमें मज़ेदार बात यह है कि – 2017 में Dogecoin की वैल्यू $0.0002 थी और आज यह $0.31 है . इसका मतलब यह हुआ कि पांच वर्षों में इसमें 154900% की बढ़ोतरी हुई है !

8 – Polkadot
Polkadot को 2020 में लॉन्च किया गया था . मात्र एक साल में , इसकी वैल्यू $2.93 से बढ़कर $25.61 हो गई , यानी 774% की बढ़ोतरी हुई ! Polkadot की खासियत यह है कि यह एक क्रिप्टोकरेंसी नेटवर्क बनाने की कोशिश कर रहा है जो विभिन्न ब्लॉकचेन को जोड़ता है , ताकि उन्हें एक साथ मिलाकर काम किया जा सके . इसका एम – कैप वर्तमान में $25 बिलियन से अधिक है .

9 – USD Coin
USD Coin एक और स्टेबल कॉइन है . इसकी मार्केट वैल्यू $23 बिलियन है और लगातार बढ़ती जा रही है . यह Ethereum द्वारा संचालित है और इसका इस्तेमाल पूरी दुनिया में कहीं भी ट्रांज़ैक्शन करने के लिए किया जा सकता है .

10 – Solana
आखिर में बात करते हैं Solana की . यह , $20 बिलियन से अधिक के एम – कैप वाली क्रिप्टोकरेंसी है . यह हाल ही में अपने यूनीक हाइब्रिड प्रूफ – ऑफ – स्टेक और प्रूफ – ऑफ – हिस्ट्री मेकैनिज़्म के लिए सुर्खियों में बना रहा . गौरतलब है कि ये मेकैनिज़्म , ट्रांज़ैक्शन को जल्दी और सुरक्षित रूप से प्रोसेस करने में मदद करतें हैं . Solana को 2020 में लॉन्च किया गया था . उस समय इसकी कीमत $0.77 थी और आज यह 9405% बढ़कर $73.19 पर कारोबार कर रहा है .

इतने सारे विकल्प मौजूद होने पर , अब आपको यह निर्णय लेने में आसानी होगी कि कौन सी क्रिप्टोकरेंसी आपके लिए सबसे ज्यादा सही होगी . सोच – समझकर निर्णय लेने के बाद , आप इनमें से किसी भी करेंसी में इन्वेस्टमेंट की शुरुआत कम पैसे से कर सकते हैं . जैसा कि हमने पहले कहा है , आप इसके लिए एक Zebpay खाता खोल सकते हैं और केवाईसी से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी करके , इन्वेस्ट करना शुरू कर सकते हैं . इतना ही नहीं , आप Zebpay Earn की मदद से अपनी पसंदीदा क्रिप्टोकरेंसी को होल्ड करके क्रिप्टो भी कमा सकते हैं . तो , देर किस बात की , आगे बढ़ें और आज से ही क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट करना शुरू करें !

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Jagran Trending: क्‍या है क्रिप्‍टोकरेंसी और अपने देश में इसके कारोबार से जुड़े नियम, जानें एक्‍सपर्ट की राय

किसी भी एसेट की एक Underlying Value होती है लेकिन Cryptocurrencies का कोई अंडरलाइंग वैल्‍यू नहीं है। शेयरों के मामले में आपको पता होता है कि कंपनी का प्रदर्शन कैसा चल रहा है और शेयरों की कीमतें ऊपर जाएंगी या नीचे क्रिप्‍टो के मामले में ऐसा नहीं है

नई दिल्‍ली, मनीश कुमार मिश्र। Cryptocurrency के प्रति हाल के वर्षों में लोगों का आकर्षण बढ़ा है और भारतीय इसमें पीछे नहीं हैं। कुछ देशों ने जहां Cryptocurrency को मान्‍यता दे दी है वहीं, कुछ देशों में यह पूर्णत: प्रतिबंधित है। अपने देश में भी क्रिप्‍टोकरेंसी को लेकर कुछ नियम हैं, जिनके बारे में हम विस्‍तार से चर्चा करेंगे। पहले ये जानते हैं कि Cryptocurrencies हैं क्‍या और ये किस टेक्‍नोलॉजी पर आधारित हैं।

एसबीआइ सम्मेलन को संबोधित करते हुए RBI के डिप्टी गवर्नर ने कहा,

ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के सीईओ पंकज मठपाल ने क्रिप्‍टोरेंसी के बारे में बताते हुए कहा कि यह ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी पर आधारित डिजिटल करेंसी है जिसे क्रिप्‍टोग्राफी से सुरक्षित किया है। ब्‍लॉकचेन एक डिजिटल लेजर है, जिसका इस्‍तेमाल सिर्फ इसके यूजर्स ही कर सकते हैं। उन्‍होंने बताया कि ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी सुरक्षित तो है ही पारदर्शी भी है। यह इतना सुरक्षित है कि इसके एडमिनिस्‍ट्रेटर भी इसमें अपने फायदे के लिए बदलाव नहीं कर सकते।

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क्रिप्‍टोकरेंसी से ट्रांजैक्‍शन

मठपाल ने बताया कि क्रिप्‍टोकरेंसी डिजिटल वॉलेट में स्‍टोर की जाती है और इसे आप दूसरे वॉलेट में ट्रांसफर कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि क्रिप्‍टोकरेंसी का इस्‍तेमाल आप किसी वस्‍तु या सेवाओं को खरीदने में कर सकते हैं या इसकी ट्रेडिंग कर सकते हैं या इसके बदले कैश भी ले सकते हैं।

क्रिप्‍टोकरेंसी की ट्रेडिंग

मठपाल ने बताया कि एक तरफ जहां स्‍टॉक मार्केट में ट्रेडिंग पूरी तरह रेगुलेटेड है। आपको यह भी पता होता है कि शेयर बेचने के कितने दिन बाद आपके अकाउंट में पैसे आ जाएंगे। हालांकि, क्रिप्‍टोकरेंसी के मामले में ऐसा कोई रेगुलेशन नहीं है। आप ब्रोकर या क्रिप्‍टो एक्‍सचेंजों के जरिए इसकी खरीद-बिक्री कर सकते हैं। यहां बेचने वाले और खरीदने वाले की पहचान उजागर नहीं की जाती।

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क्रिप्‍टोकरेंसी की कीमतों में क्‍यों आता है उतार-चढ़ाव

मठपाल के अनुसार, क्रिप्‍टोकरेंसी का कोई अंडरलाइंग एसेट नहीं होता। आप शेयर खरीदते हैं तो आपको पता होता है कि कंपनी के एसेट्स और लाइबिलिटीज क्‍या हैं। आप जानते हैं कि कंपनी का मुनाफा बढ़ेगा या कंपनी से जुड़ी कोई पॉजिटिव खबर आएगी तो शेयर की कीमतें बढ़ेंगी और आपको मुनाफा होगा। क्रिप्‍टोकरेंसी की कीमतें सिर्फ मांग और आपूर्ति से प्रभावित होती हैं। इसमें कितना उतार-चढ़ाव आ सकता है, आप इसका अनुमान नहीं लगा सकते।

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क्रिप्‍टोकरेंसी पर टैक्‍स

मठपाल के अनुसार इस साल पेश हुए बजट में यह प्रावधान किया गया है कि क्रिप्‍टोकरेंसी बेचने पर निवेशकों को 30 प्रतिशत के हिसाब से टैक्‍स देना होगा। उन्‍होंने बताया कि मान लीजिए कोई व्‍यक्ति 50000 रुपये की क्रिप्‍टोकरेंसी खरीदता है और उसे मुनाफे में चाहे 60,000 रुपये में बेचे या घाटे में 25,000 रुपये में, उसे 30 प्रतिशत की दर से ही टैक्‍स देना होगा।

क्या Cryptocurrency को कैश में करा सकते हैं कन्वर्ट? हां बिल्कुल, ये हैं तरीके

Cryptocurrency Converter : क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टो ब्रोकर क्या है पिछले कुछ वक्त में निवेश का एक पॉपुलर माध्यम बन गया है, लेकिन फ्लैट करेंसी के मुकाबले इसका इस्तेमाल अभी भी कहीं नहीं पहुंचा है. ऐसे में इनको इस्तेमाल करने के लिए इन्हें कैश में कन्वर्ट कराना पड़ता है.

क्या Cryptocurrency को कैश में करा सकते हैं कन्वर्ट? हां बिल्कुल, ये हैं तरीके

Bitcoin Investment : क्रिप्टोकरेंसी को कैश में कन्वर्ट कराया जा सकता है.

आज के वक्त में Cryptocurrency युवाओं के लिए निवेश का पॉपुलर माध्यम बन गया है, हालांकि, इसके इस्तेमाल का चलन फ्लैट करेंसी के मुकाबले कहीं नहीं है. गिनी-चुनी ही कंपनियां हैं, जो क्रिप्टो में पेमेंट (Crypto Payment) ले रही हैं, वर्ना इस्तेमाल करने के लिए क्रिप्टो कॉइन्स को कैश में कन्वर्ट (converting crypto coins into cash) कराना पड़ता है. ये अच्छी बात है कि इसको कन्वर्ट कराना आसान है. हालांकि, क्रिप्टो को कैश में कन्वर्ट कराते वक्त निवेशकों को कई चीजें ध्यान में रखनी पड़ेंगी. वर्चुअल करेंसी की कीमतें बहुत तेजी से ऊपर-नीचे होती हैं, ऐसे में अगर आपने ध्यान नहीं दिया तो आपको नुकसान हो सकता है. वहीं, अगर आप किसी तरह का जोखिम ज्यादा लिए बिना क्रिप्टो में निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास क्रिप्टो कॉइन या टोकन को कैश में कन्वर्ट कराने का विकल्प है.

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क्रिप्टोकरेंसी के प्रॉफिट पर टैक्स लगेगा

जो भी हो, लेकिन यह जान लीजिए कि अगर आप क्रिप्टोकरेंसी को कैश में कन्वर्ट करा रहे हैं तो आपको अपने प्रॉफिट पर टैक्स भरना होगा. हां, बिल्कुल. यह सही है कि भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी को लीगल टेंडर नहीं है, इसका कोई रेगुलेशन नहीं है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अगर आप इस निवेश से प्रॉफिट कमा रहे हैं, तो आपको इसपर टैक्स नहीं देना होगा.

मान लीजिए आपको बिटकॉइन को कैश में कन्वर्ट कराना है, ये काम क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर होगा. कन्वर्ट कराते वक्त आपका जो भी प्रॉफिट है, उसपर टैक्स लगेगा. वहीं, आपको थर्ड पार्टी ब्रोकर को एक्सचेंज फीस भी देनी होगी. हो सकता है कि इस प्रोसेस में पैसे अकाउंट में ट्रांसफर होने में एक-दो दिन लग जाए.

अब बात करते हैं कि कैश कन्वर्ट कैसे और कहां से होगा, इसके दो तरीके हैं-

एक्सचेंज या ब्रोकर से

यह बिल्कुल वैसा ही है, जैसे कि एयरपोर्ट्स पर करेंसी एक्सचेंज सिस्टम होता है. आप यहां अपनी डिजिटल करेंसी डिपॉजिट करते हैं और एक्सचेंज या ब्रोकर पैसे आपके अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर देता है. हालांकि, चूंकि ब्रोकर्स पर मनी लॉन्ड्रिंग के कुछ नियम लागू होते हैं, जिसके चलते आपको उसी अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कराने होंगे, जिससे आपने डिपॉजिट किया था.

इस तरीके में दिक्कत यह है कि इसमें ज्यादा वक्त लगता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह सुरक्षित तरीका है, हालांकि, इसमें आपके बैंक अकाउंट में पैसे रिफ्लेक्ट होने में वक्त लगता है. एक्सचेंज ट्रांजैक्शन के लिए एक फीस भी लेता है और फीस हर देश में अलग-अलग एक्सचेंज पर अलग-अलग हो सकती है.

Peer-To-Peer नेटवर्क से

यह तरीका ज्यादा तेज और एनॉनिमस यानी गुप्त है. हालांकि, इसके कुछ रिस्क भी हैं, जो हम आपको बता रहे हैं. डायरेक्ट लिंक यानी peer-to-peer नेटवर्क यानी कि सीधे किसी दूसरे निवेशक से संपर्क करके भी आप अपनी वर्चुअल करेंसी को सीधे बेचकर कैश ले सकते हैं. इसमें एक फायदा यह भी है कि इसमें किसी एक्सचेंज के मुकाबले कम एक्सचेंज फीस लगती है. लेकिन हम आपको बता दें कि इस तरीके में आपको धोखाधड़ी से सावधान रहना होगा. peer-to-peer नेटवर्क में ट्रांजैक्शन यह रिस्क होता है कि आप एक्सचेंज के भरोसे ट्रांजैक्शन नहीं कर रहे हैं, क्रिप्टो ब्रोकर क्या है ऐसे में पूरी जिम्मेदारी आप पर होती है.

सुझाव है कि अगर आप यह ट्रांजैक्शन कर रहे हैं तो सामने वाले से उसका आईडी प्रूफ देख लें और अपने क्रिप्टोकॉइन्स ट्रांसफर करने से पहले पेमेंट करा लें. आप किसी ऐसे भी peer-to-peer प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो जब तक आपके बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर न हो जाएं, तब तक आपके कॉइन्स लॉक करके रखेगा.

शेयर ब्रोकर चुनने में इन पांच बातों का रखें ध्यान

शेयर बाजार में शेयर खरीदन-बेचना बच्चों का खेल नहीं. इसके लिए आपको जरूरत होती है. ब्रोकर के चयन के दौरान इन बातों का रखें ध्यान.

शेयर ब्रोकर चुनने में इन पांच बातों का रखें ध्यान

1. डिस्काउंट ब्रोकर पर दांव!
डिस्काउंट ब्रोकर आपके आदेशानुसार सिर्फ शेयरों की खरीद फरोख्त करते हैं. फुल सर्विस ब्रोकर आपको निवेश आइडिया भी देते हैं. इसलिए यदि आप बाजार की उथल-पुथल और हलचल को समझते हैं, जो आप डिस्काउंट ब्रोकर का चुनाव कर सकते हैं. अन्यथा फुल सर्विस ब्रोकर ही बेहतर है.

2. फोन या ऑनलाइन कारोबार की सेवा
आप कारोबार के लिए फोन और इंटरनेट दोनों का ही इस्तेमाल कर सकते हैं. ब्रोकर का चयन करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि वह दोनों में से कौनसी सुविधा मुहैया करवाता है. हालांकि, हाइब्रिड ब्रोकर्स दोनों ही सुविधाएं देते हैं.

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3. ब्रोकिंग चार्जेज पर नजर
अकसर ब्रोकर्स अपना ब्रोकिंग चार्ज फिक्स्ड ही रखते हैं. हालांकि, ये कारोबार के वॉल्यूम और फ्रीक्वेंसी पर भी निर्भर करते हैं. ऐसे में इस बारे में बात कर लेना भी जरूरी है.

4. अन्य सुविधाएं के बारे में जानें
कुछ ब्रोकरेज हाउस सिर्फ इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा ही नहीं प्रदान करतें, बल्कि कई प्रकार की अन्य सेवाएं भी आप तक पहुंचाते हैं. ऐसे में जान लें कि यह सेवाएं क्या हैं और आपके लिए इनकी क्या उपयोगिता है. इसके बाद ही ब्रोकर का चयन करें.

5. ब्रोकरेज की छवि जान लें
अपने ब्रोकर पर मुहर लगाने से पहले बाजार में उसकी छवि जान लें. ब्रोकर की सेवाओं और सुविधाओं की संतुष्टि के बाद ही उससे जुड़े. सभी ब्रोकरेज के खिलाफ दर्ज शिकायतों का ब्यौरा सेबी के पास मिल जाएगा.

(नोट: यह लेख सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग के विचारों से प्रभावित हैं. इस लेख में गिरिजा गाद्रे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता ने अहम योगदान दिया है.)

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डिजिटल टोकन को रेगुलेट करने की तैयारी: रिजर्व बैंक ने शुरू की कवायद, क्रिप्टो करेंसी के कारोबार को मिल सकती है मंजूरी

देर-सबेर ही सही, भारत में क्रिप्टो करेंसी को शर्तों और नियमों के साथ मंजूरी मिल सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2 नवंबर को क्रिप्टो करेंसी कारोबार से जुड़े अहम लोगों के साथ मीटिंग की थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने शनिवार को RBI और दूसरी एजेंसियों के साथ इस बारे में बैठक की है।

जानकारी के मुताबिक, RBI ने बहुत ही शॉर्ट नोटिस पर यह बैठक बुलाई थी। 2 नवंबर को बुलाई गई बैठक में RBI के वरिष्ठ अधिकारी, तीन क्रिप्टो एक्सचेंज के अधिकारी, क्रिप्टो ब्रोकर और इंडिया टेक के अधिकारी शामिल हुए। इन सभी ने क्रिप्टो पर एक व्हाइट पेपर तैयार किया था। ऐसा माना जा रहा है कि चीन में भले ही क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा है, पर भारत में कुछ नियंत्रण और शर्तों के साथ इसे मंजूरी मिल जाएगी।

KYC फ्रेमवर्क और अवैध लेन-देन की संभावनाओं पर चर्चा
इस मीटिंग में KYC फ्रेमवर्क और अवैध लेन-देन की आशंकाओं पर भी चर्चा हुई। मनी लॉन्ड्रिंग की चिंता के अलावा, यदि क्रिप्टो का वॉल्यूम वक्त के साथ बढ़ता है तो RBI संभावित वित्तीय अस्थिरता के बारे में भी चिंतित है। भारत में करीब 2 करोड़ निवेशकों के पास 4-5 अरब डॉलर के क्रिप्टो के सिक्के रखने का अनुमान है। वैसे अब केवल बिटकॉइन ही नहीं, हजारों क्रिप्टो करेंसी हैं। यदि क्रिप्टो की सप्लाई बढ़ती रहती है, तो कुछ स्तर पर यह मॉनिटरी पॉलिसी के लिए चुनौती भी हो सकती है।

इंडस्ट्री में कई लोग चाहते हैं क्रिप्टो ब्रोकर क्या है कि क्रिप्टो करेंसी को सिर्फ भारत में जो एक्सचेंज हैं, उनसे ही खरीदा जाए। बैंकों की तरह इन एक्सचेंज को FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के लिए 74% तक की अनुमति दी जानी चाहिए। क्रिप्टो की आड़ में फंड के लेन-देन पर भारत के बाहर भी कई रेगुलेटर्स की ओर से आवाज उठाई गई है।

नियम लागू करना आसान नहीं है
एक बैंकर ने कहा कि क्रिप्टो से जुड़े नियम लागू करना आसान नहीं है। इसके लिए हार्डवेयर में सभी क्रिप्टो होल्डिंग्स के डिस्क्लोजर की जरूरत होगी। उन्हीं कारोबार को इजाजत दी जाएगी, जिनकी निगरानी की जा सकती है। इंडस्ट्री यह चाहती है कि क्रिप्टो को करेंट असेट के रूप में क्लासीफाई किया जाए न कि करेंसी के तौर पर, ताकि इसे आसानी से नकदी में बदला जा सके। साथ ही इंडस्ट्री यह भी उम्मीद कर रही है कि सरकार और RBI कुछ अन्य मुद्दों पर छाए संशय के बादल साफ करे।

कई सारी बातों पर होगा फोकस

  • इस मुद्दे से जुड़ी अहम बातों में यह है कि क्या इससे हुए फायदे को कैपिटल गेन या बिजनेस इनकम मानकर इस पर टैक्स लगाया जाना चाहिए।
  • क्या विदेशी एक्सचेंज और अन्य सेलर्स से क्रिप्टो खरीद में होने वाली धांधली विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) का उल्लंघन होगा और क्रिप्टो को कौन रेगुलेट करेगा?
  • चूंकि भारत में फाइनेंशियल रेगुलेटर कई हैं, जैसे बीमा के लिए IRDAI, म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार के लिए सेबी, बैंकिंग और अन्य पेमेंट के लिए रिजर्व बैंक। इसलिए यह अभी तय नहीं है कि इसे कौन रेगुलेट करेगा।

एक्सचेंज केवल एक प्लेटफॉर्म है
करेंसी से जुड़े एक्सचेंज का कहना है कि वे खरीदार और विक्रेता से मेल कराने के लिए सिर्फ एक मंच हैं। क्रिप्टो की खरीद और सप्लाई नहीं करते हैं। हालिया नियमों के तहत अगर कोई विदेश से सिक्के लाकर अपने देश में बेचता है तो इसका आसानी से पता लगाना मुमकिन नहीं है।

क्रिप्टो की कीमतों में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव है। उदाहरण के तौर पर पिछले 24 घंटे में हुस्की नामक करेंसी की कीमत 67 हजार प्रतिशत बढ़ी है। इससे इसका मार्केट कैप 1.5 अरब डॉलर हो गया है। इससे पहले SQUID, शिबा और कोकोस्वैप की कीमतें भी इसी तरह से बढ़ी थीं।

शनिवार को प्रधानमंत्री ने की थी मीटिंग
दो दिन पहले ही केंद्र सरकार ने देश में अवैध तरीके से चल रहे सभी क्रिप्टो एक्सचेंज के मसले पर मीटिंग की थी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों के लिए टेरर फंडिंग और काला धन जमा करने वालों के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का जरिया बने इन क्रिप्टो एक्सचेंज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए कहा। शनिवार को PM ने इसे लेकर फाइनेंस मंत्रालय, RBI और गृह मंत्रालय के साथ बैठक की। इसमें मोदी ने साफ तौर पर पूछा कि क्रिप्टो करेंसी को रेगुलराइज करने के लिए कौन से कदम उठाए गए हैं।

क्रिप्टो करेंसी के मुद्दे पर हुई समीक्षा
बैठक में क्रिप्टो करेंसी और उससे जुड़े सभी मुद्दों की समीक्षा हुई। साफतौर पर यह तय किया गया कि क्रिप्टो करेंसी के नाम पर युवाओं को गुमराह करने वाली अपारदर्शी एडवर्टाइजिंग पर रोक लगाई जाए। बैठक में RBI, फाइनेंस मंत्रालय और गृह मंत्रालय की तरफ से देश-दुनिया के क्रिप्टो एक्सपर्ट्स से ली गई सलाह के बाद सामने आए मुद्दों पर बात की गई।

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने चेतावनी दी थी
दो दिन पहले ही RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल करेंसी को लेकर चेतावनी दी थी। उन्होंने इसे बेहद गंभीर विषय बताया था और जल्द ही कोई बड़ा कदम उठाए जाने की तरफ इशारा किया था। क्रिप्टो करेंसी पर शिकंजा कसने के लिए RBI और शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी मिलकर एक फ्रेमवर्क तैयार कर रहे हैं।

3 नवंबर को किया गया था दावा
दरअसल 3 नवंबर को कई संगठनों और क्रिप्टो के कारोबारियों ने मिलकर एक अंग्रेजी समाचार पत्र में दो फुल पेज विज्ञापन दिया था। इसमें यह दावा किया था करोड़ों भारतीयों ने क्रिप्टो में 6 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। इसका रेगुलेशन किया जाता है। रेगुलेशन में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IMAI) और अन्य हैं जो सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी हैं।

​​​​​​​एडलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ राधिका गुप्ता ने कहा कि फाइनेंशियल असेट्स को IMAI नहीं रेगुलेट कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह पता नहीं है कि निवेशक बेस और सही साइज इंडस्ट्री की क्या है। अगर यह 6 लाख करोड़ रुपए का निवेश है तो इसे बहुत जल्दी से रेगुलेट किया जाना चाहिेए।

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